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बांग्लादेश में नहीं थम रही हिंसा! भीड़ ने एक और हिंदू युवक को सरेआम मार डाला

Bangladesh Hindu Man Samrat Lynching: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है. राजबाड़ी जिले में अमृत मंडल नाम के शख्स को भीड़ ने पीट-पीटकर डाला. हत्या और हिंदू घरों की आगजनी के बाद दहशत का माहौल है. इससे पहले दीपू चंद्र दास की हत्या हुई थी. 2025 में अब तक हिंसा में 184 लोगों की जान जा चुकी है.

By: Mohammad Nematullah | Published: December 25, 2025 7:46:12 PM IST



Bangladesh Hindu Man Samrat Lynching: बाग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का एक और मामला सामने आया है. दीपू चंद्र दास की मौत के बाद अमृत मंडल जिसे सम्राट के नाम से भी जाना जाता था. उसे भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला है. अमृत 29 साल का था. यह घटना राजबाड़ी जिले में हुई है. पांग्शा मॉडल पुलिस स्टेशन ने घटना की पुष्टि की है. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोगों ने अमृत मंडल पर जबरन वसूली का आरोप लगाया, जिसके बाद मामला भीड़ की हिंसा में बदल गया है.

अमृत मंडल पुलिस रिकॉर्ड में ‘सम्राट वाहिनी’ नाम के एक स्थानीय गैंग के लीडर के तौर पर दर्ज है. चटगांव के पास राउजान इलाके में मंगलवार को एक हिंदू परिवार के घर में आग लगा दी गई. पिछले पांच दिनों में राउजान इलाके में सात हिंदू परिवारों के घर जला दिए गए है. पुलिस ने अब तक पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है.

पिछले हफ्ते एक और हत्या

पिछले हफ्ते मैमनसिंह शहर में एक भीड़ ने 28 साल के हिंदू फैक्ट्री मजदूर दीपू चंद्र दास को पीट-पीटकर मार डाला है. उस पर ईशनिंदा का आरोप था. इस घटना के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए है. अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने कहा कि सरकार मृतक की पत्नी छोटे बच्चे और माता-पिता की जिम्मेदारी लेगी. पुलिस ने अब तक इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.

इस साल हिंसा में 184 मौतें

हिंसा और आगजनी की इन घटनाओं ने बांग्लादेश में डर का माहौल बना दिया है. 12 दिसंबर को ढाका में इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी को गोली मार दी गई. सिंगापुर में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई है. उसी शाम, एक भीड़ ने डेली स्टार और प्रोथोम आलो अखबारों के दफ्तरों में आग लगा दी है. पुराने सांस्कृतिक संगठनों छायानाट और उदिची शिल्पी गोष्ठी के दफ्तरों को भी जला दिया गया है.

यूनुस के दफ्तर ने एक बयान जारी कर कहा कि आरोपों या अफवाहों की आड़ में हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इस बीच मानवाधिकार संगठन ऐन ओ सालिश केंद्र ने बताया कि 2025 में अब तक बांग्लादेश में हिंसा में 184 लोगों की मौत हो चुकी है.

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