Trump Tariff: ट्रंप ने भारत पर 50% का टैरिफ लगाया है। ट्रंप के इस टैरिफ के बाद से दुनिया भर में हर तरफ इसी बात की चर्चा हो रही है। वहीं ट्रंप के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इसको लेकर सफाई दी है। उन्होने कहा है कि ट्रंप ने भारत पर टैरिफ इस लिए लगाया है ताकि यूक्रेन जंग को रोकने के लिए पुतिन पर दबाव बनाया जा सके। वेंस की माने तो भारत पर टैरिफ लगाने का मकसद रूस के तेल निर्यात में कमी लाना और उसे से आर्थिक रूप से कमजोर करना है।
भारत पर लगाया 50% टैरिफ
बता दें कि अमेरिका ने भारत पर 50% का लगाया है। ये टैरिफ आने वाले 27 अगस्त से लागू हो जाएगा। ट्रंप ने पहले भारत पर 25 % टैरिफ का ऐलान किया था उसके बाद उन्होने रूस से तेल खरिदने को लेकर अतिरिक्त 25% जुर्माने के तौर पर लगाया। भारी-भरकम टैरिफ की वजह से भारत और अमेरिका और भारत के बीच व्यापार तनाव बढ़ गया है।
भारत ने रूस से तेल आयात करने के अपने फ़ैसले का बार-बार बचाव किया है। भारत का कहना है कि यह फ़ैसला राष्ट्रीय हित में है। फ़रवरी 2022 में यूक्रेन पर हुए हमले के बाद, पश्चिमी देशों ने रूसी तेल ख़रीदने से इनकार कर दिया और रूस पर प्रतिबंध लगा दिए। इसके बाद, भारत ने रूस से सस्ती दरों पर तेल ख़रीदना शुरू कर दिया।
वेंस ने क्या कहा ?
अमेरिका का कहना है कि तेल की बिक्री से रूस को युद्ध में अप्रत्यक्ष रूप से मदद मिल रही है। वेंस से पूछा गया कि अमेरिका रूस पर नए प्रतिबंध नहीं लगा रहा है, तो पुतिन और ज़ेलेंस्की को बातचीत की मेज़ पर कैसे लाया जाएगा। इस पर, वेंस ने कहा, ट्रंप ने टैरिफ़ के ज़रिए रूस को शांति वार्ता की ओर धकेलने की कोशिश की है। अगर रूस हत्याएँ बंद कर दे, तो उसे विश्व अर्थव्यवस्था में फिर से शामिल किया जा सकता है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो वे अलग-थलग पड़ जाएँगे।
जयशंकर ने रूस से तेल खरीदने को लेकर कही ये बात
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंधों का बचाव करते हुए कहा था कि नई दिल्ली की तेल ख़रीद राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों हित में है। जयशंकर ने कहा, यह हास्यास्पद है कि व्यापार समर्थक अमेरिकी प्रशासन के लोग दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहे हैं। अगर आपको भारत से तेल या रिफाइंड उत्पाद खरीदने में समस्या है, तो न खरीदें। कोई आपको ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं कर रहा है।
जयशंकर ने कहा कि जब 2022 में तेल की कीमतें बढ़ीं, तो दुनिया भर में चिंता बढ़ गई। उस समय कहा गया था कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना चाहता है, तो उसे खरीदने दें। क्योंकि इससे कीमतें स्थिर होंगी। भारत की खरीदारी का उद्देश्य बाजारों को शांत करना भी है। हम कीमतें स्थिर रखने के लिए रूस से तेल खरीद रहे हैं। यह राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों हित में है।

