Iran Water Crisis: ईरान में जल संकट और सुरक्षा चिंताओं के चलते सरकार अपनी राजधानी तेहरान से हटाने की तैयारी कर रही है. राष्ट्रपति मसूद पजेशकियन ने संकेत दिए हैं कि दिसंबर में नई राजधानी की आधिकारिक घोषणा की जा सकती है. वर्तमान में तेहरान ईरान की राजधानी है, जिसे 1796 में आगा मोहम्मद खान काजार ने राजधानी घोषित किया था. लेकिन अब यह ऐतिहासिक शहर भीषण जल संकट से जूझ रहा है.
तेहरान पर मंडरा रहा बड़ा खतरा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, तेहरान में केवल सात दिन का पानी बचा है. अगर इस अवधि में बारिश नहीं हुई, तो शहर को बाहरी स्रोतों से पानी मंगवाना पड़ेगा. राष्ट्रपति ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी समय तेहरान छोड़ने के लिए तैयार रहें, क्योंकि हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं. तेहरान में करीब एक करोड़ लोग रहते हैं और यह न केवल ईरान का सबसे विकसित शहर है, बल्कि सुप्रीम लीडर अली खामेनेई का निवास स्थान भी है.
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पाकिस्तान के बगल में बनेगी ईरान की नई राजधानी!
नई राजधानी के लिए मकरान प्रांत का नाम सबसे आगे चल रहा है. मकरान पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ इलाका है, जहां चाबहार पोर्ट स्थित है. यह क्षेत्र पानी की दृष्टि से समृद्ध और भौगोलिक रूप से सुरक्षित माना जा रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, मकरान पर इजराइल के लिए सीधा हमला करना कठिन होगा, क्योंकि यह तेहरान से लगभग 1000 किलोमीटर दूर है.
जल संकट के चलते ईरान में हालत खराब
अल मॉनिटर की रिपोर्ट के मुताबिक, तेहरान और मशहद दो ऐसे बड़े शहर हैं जो सबसे गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं. सैटेलाइट तस्वीरों में भी तेहरान के प्रमुख जलाशयों के सूखने के संकेत मिले हैं, जिनमें अब केवल 10 दिन का पानी शेष बताया गया है.
राष्ट्रपति पजेशकियन ने स्वीकार किया कि पिछली सरकारों की गलत नीतियों, जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक जल उपभोग ने यह संकट पैदा किया है. उन्होंने नागरिकों से संयम और सहयोग की अपील की है, जबकि सरकार वैकल्पिक राजधानी की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है.
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