Taliban Pants Parade: पाकिस्तान ने एक बार फिर से वहीं किया है, जिसके लिए वो दुनिया भर में मशहूर है. खबरों के मुताबिक पाक सेना ने अफगानिस्तान सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. मुनीर की सेना ने शुक्रवार को अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत के एक गांव में बमबारी की, जिसमें कई आम नागरिकों की मौत हो गई हैं.
वहीं इसके अलावा अफगान तालिबान की तरफ से लगातार पाक सेना को जान-माल दोनों का भारी नुकसान हो रहा है. वहीं दोनों देशों के तनाव के बीच इस्लामाबाद तालिबान के अपमानजनक डिजिटल युद्ध का सामना कर रहा है जिसने पाकिस्तान की सबसे दर्दनाक ऐतिहासिक याद—1971 के आत्मसमर्पण—को ताज़ा कर दिया है.
तालिबान ने निकाली ‘पैंट परेड’
दरअसल, तालिबान लड़ाकों द्वारा पाकिस्तानी सैनिकों की वर्दी और पतलून लहराते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इन वीडियो को मज़ाक में “पैंट परेड” कहा जा रहा है. इन क्लिप में दावा किया गया है कि ये वर्दी और कपड़े झड़पों के दौरान सेना द्वारा छोड़ी गई पाकिस्तानी चौकियों से बरामद किए गए थे. इन दृश्यों में, तालिबान लड़ाके हंसते हुए और कपड़ों को “युद्ध की ट्रॉफी” कहते हुए दिखाई दे रहे हैं. अफगान सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस ट्रेंड को “93,000 पैंट समारोह 2.0” नाम दिया है—जो 1971 के आत्मसमर्पण की याद दिलाता है.
दोनों तरफ से हुई भीषण गोलीबारी
ये झड़पें तब शुरू हुईं जब पाकिस्तान ने कथित तौर पर अफगानिस्तान के भीतर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों को निशाना बनाकर सीमा पार हवाई हमले किए. माना जाता है कि टीटीपी पाकिस्तान में कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है. पाकिस्तान को उम्मीद थी कि यह एक त्वरित और सीमित सैन्य कार्रवाई होगी, लेकिन यह कई दिनों तक जारी रही और भीषण गोलीबारी में बदल गई. जवाब में, तालिबान ने दावा किया कि उसने 20 पाकिस्तानी चौकियां नष्ट कर दीं और 60 से ज़्यादा सैनिकों को मार गिराया.
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सऊदी अरब की मध्यस्थता नहीं आई काम
स्थिति और हिंसा को नियंत्रित करने के लिए कतर और सऊदी अरब की मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ. लेकिन पाक ने फिर से अपना असली चहरा दिखाकर अफगानिस्तान पर हमले किए. हालांकि,तालिबान समर्थित अकाउंट्स ने सूचना युद्ध अभियान शुरू कर दिया. इन वीडियो के कारण हैशटैग #93000 ट्रेंड कर रहा है, जो 1971 में भारतीय सेना के सामने 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों के आत्मसमर्पण की याद दिलाता है.
93,000 – पाक के लिए है शर्मनाक
यह घटना न केवल सैन्य, बल्कि पाकिस्तान के लिए एक मनोवैज्ञानिक और प्रतीकात्मक झटका भी साबित हो रही है. “93,000” पाकिस्तान की उस ऐतिहासिक हार का प्रतीक है जब 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट जनरल ए.ए.के. नियाज़ी ने भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण किया था, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ. अब, अफग़ान सोशल मीडिया इसे “दूसरा आत्मसमर्पण” कहकर पाकिस्तान का मज़ाक उड़ा रहा है.
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