Syrian Observatory: दिसंबर 2024 में सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद का 24 साल पुराना शासन तख्तापलट के बाद गिर गया था। तब वहां के लोगों को यह उम्मीद थी कि अब देश में एक बेहतर और जवाबदेह शासन व्यवस्था स्थापित होगी। लेकिन सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स की ताज़ा रिपोर्ट इन उम्मीदों के बिल्कुल उलट तस्वीर पेश करती है।
टीवी 9 के अनुसार रिपोर्ट बताती है कि 8 दिसंबर 2024 को पुराने शासन के पतन से लेकर 6 अगस्त 2025 तक सीरिया में 9,889 लोगों की मौत हो चुकी है। ये मौतें लगातार हिंसा, घरेलू और विदेशी ताकतों द्वारा किए गए अत्याचारों और व्यापक सुरक्षा अराजकता के कारण हुई हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मृतकों में 7,449 आम लोग थे, जिनमें 396 बच्चे और 541 महिलाएं शामिल हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि सीरिया में हालात कितने नाज़ुक हैं और समाज का सबसे कमज़ोर तबका कितनी मुश्किलों में है।
सच्चाई को दबाया जा रहा है – रिपोर्ट
रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादतर मामलों में किसी की ज़िम्मेदारी तय नहीं होती। कभी-कभी आरोपियों को बचाया जा रहा है और सच्चाई को दबाया या तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। उदाहरण देते हुए, ऑब्ज़र्वेटरी ने कहा कि तटीय इलाकों में हुए नरसंहारों की जाँच के लिए गठित तथ्यान्वेषी समिति द्वारा दी गई रिपोर्ट वास्तविक घटनाओं से मेल नहीं खाती। साथ ही, सरकार समर्थक समूह सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से उन संस्थाओं को बदनाम करने के लिए अभियान चला रहे हैं जो अत्याचारों की सच्चाई उजागर कर रही हैं।
हजारों निर्दोष लोग जेल में बंद
ऑब्ज़र्वेटरी ने यह भी कहा कि हज़ारों लोग अभी भी बिना किसी मुकदमे के जेल में बंद हैं। इनमें से कुछ को पुरानी सरकार के पतन के बाद गिरफ्तार किया गया था, और कुछ को छापेमारी या चौकियों में पकड़ा गया था। इनमें से कई पर तो कोई ठोस आरोप भी नहीं हैं। उन्हें बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के जेल में रखा गया है।

