Mahatma Gandhi: लंदन के टावेस्टॉक स्क्वायर में महात्मा गांधी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने की घटना से भारत में शोक की लहर है.भारतीय उच्चायोग ने इस शर्मनाक कृत्य की कड़ी निंदा की है और इसे अहिंसा के सिद्धांतों पर हमला बताया है.
यह घटना अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस से ठीक तीन दिन पहले हुई. उच्चायोग ने स्थानीय अधिकारियों से तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है और मूर्ति को पहले जैसी स्थिति में लाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.
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महात्मा गांधी दुनिया के सबसे प्रसिद्ध नेताओं और असाधारण शख्सियतों में से एक थे. ‘महात्मा’ का मतलब है ‘महान-आत्मा’, यह उपाधि उन्होंने अपने जीवन के कार्यों से अर्जित की थी. 20वीं सदी में उनके योगदान को देखते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर, महात्मा गांधी के जन्मदिन को 2007 में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस घोषित किया था. भारत ही नहीं, दुनिया भर के कई देश हर साल अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें याद करते हैं.
अलग-अलग देशों में गांधीजी की मूर्तियाँ
महात्मा गांधी का अहिंसक आंदोलन दक्षिण अफ्रीका के पीटरमैरिट्ज़बर्ग से शुरू हुआ था।.1893 में, जब वे प्रिटोरिया जा रहे थे, तो एक श्वेत व्यक्ति ने उन्हें फर्स्ट क्लास में यात्रा करने से मना कर दिया, जबकि उनके पास फर्स्ट क्लास का वैध टिकट था. इस घटना ने गांधीजी के जीवन की दिशा बदल दी। उन्होंने नस्लीय भेदभाव के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रशंसक न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में हैं. वे उन महान हस्तियों में से हैं जिनकी मूर्तियाँ 84 से अधिक देशों में स्थापित हैं, जिनमें पाकिस्तान, चीन, ब्रिटेन, अमेरिका, जर्मनी और कई अफ्रीकी देश शामिल हैं- कुल 110 से अधिक मूर्तियाँ.
अमेरिका में 8 मूर्तियाँ
विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में गांधीजी की 8 मूर्तियाँ हैं, जबकि जर्मनी में 11 मूर्तियाँ हैं, जिनमें से एक ब्रेमेन शहर में है. गांधीजी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी मूर्तियाँ रूस और कम्युनिस्ट चीन में भी स्थापित हैं।
स्पेन में महात्मा गांधी
स्पेन के बर्गोस शहर में महात्मा गांधी की एक मूर्ति स्थापित की गई है, जो इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में बढ़ावा देता है. यूके के लीसेस्टर में भी महात्मा गांधी की एक मूर्ति है, और वाशिंगटन, अमेरिका के बेलेव्यू में गांधीजी की एक जीवन-आकार की मूर्ति है. इस साल, दुनिया महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रही है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधी की तीन मूर्तियाँ हैं, जहाँ उन्होंने पहली बार सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था.
श्रीलंका के जाफना में गांधीजी
श्रीलंका के जाफना इलाके में गांधीजी की एक मूर्ति है. यह इलाका कभी एलटीटीई गुट का गढ़ था. कनाडा के कई शहरों में, जिनमें ओंटारियो भी शामिल है, गांधीजी की तीन मूर्तियाँ हैं. वहीं इटली, अर्जेंटीना, ब्राजील और ऑस्ट्रेलिया में महात्मा गांधी की दो-दो मूर्तियाँ हैं. इसके अलावा, रूस के मॉस्को और स्विट्जरलैंड के जिनेवा में गांधीजी आज भी सत्य और अहिंसा के प्रतीक बने हुए हैं.
कई देशों में गांधी की मूर्तियाँ
विदेश मंत्रालय के अनुसार, इराक, इंडोनेशिया, फ्रांस, मिस्र, फिजी, इथियोपिया, घाना, गुयाना, हंगरी, जापान, बेलारूस, बेल्जियम, कोलंबिया, कुवैत, नेपाल, मलावी, न्यूज़ीलैंड, पोलैंड, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, सर्बिया, मलेशिया, यूएई, युगांडा, पेरू, तुर्कमेनिस्तान, कतर, वियतनाम, सऊदी अरब, स्पेन, सूडान और तंजानिया जैसे देशों में भी गांधीजी की मूर्तियाँ हैं.
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