Pakistan saudi defence pact: पाकिस्तान ने सऊदी अरब के साथ बड़ा समझौता कर लिया है। सऊदी अरब ने बुधवार (17 सितंबर, 2025) को एक रक्षा समझौते (Defense agreement) पर हस्ताक्षर किए. मीडिया रिपोर्ट की माने तो इस रक्षा समझौते के तहत किसी एक देश पर हमले को दोनों देशों पर हमला माना जाएगा. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ (Shahbaz Sharif) की यात्रा के दौरान अल-यममा पैलेस में रणनीतिक आपसी रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जहां उनका स्वागत क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान (Mohammed bin Salman) ने किया.
समझौते में क्या है?
पाकिस्तान के डॉन अखबार के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में यह कहा गया था कि समझौता स्पष्ट हो गया है कि किसी एक देश पर हमले को दोनों पर हमला माना जाएगा. हस्ताक्षर के बाद जारी किए गए संयुक्त बयान में कहा गया है, दोनों पक्षों ने लगभग 8 दशकों की साझेदारी, ब्रदरहुड, इस्लामी एकजुटता और साझा रणनीतिक हितों की नींव पर एक रणनीतिक आपसी रक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए.
बताया समझौते का उद्देश्य
इस समझौते से पता चलता है कि पाकिस्तान और सऊदी अरब अब अपने सुरक्षा संबंधों को और मजबूत करना चाहते हैं. दोनों देश एक साथ काम करेंगे ताकि अगर किसी पर हमला किया जाए तो वे एक -दूसरे का समर्थन करके जवाब दे सकते हैं. इस समझौते का एक अन्य उद्देश्य इस क्षेत्र और दुनिया भर में शांति और स्थिरता बनाए रखना है.
इसके अलावा, यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग का विस्तार करेगा, अर्थात नए हथियारों, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा योजनाओं को एक साथ काम किया जाएगा. यह दोनों देशों की शक्ति और सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करेगा. सबसे बड़ी बात यह है कि अगर किसी एक देश पर हमला होता है, तो इसे न केवल उस देश पर हमला माना जाएगा, बल्कि दोनों पर हमला माना जाएगा.इसका मतलब है कि दोनों दुश्मन का एक साथ सामना करेंगे.
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सऊदी में हुआ हस्ताक्षर
दोनों देशों के बीच यह हस्ताक्षर सऊदी में हुआ. पीएम शरीफ सऊदी के दौरे पर गए। जहां रियाद के उप -गवर्नर मोहम्मद बिन अब्दुर्रहमान बिन अब्दुलज़िज़ उनका स्वागत करने के लिए उपस्थित थे. उनके साथ विदेश मंत्री इशाक दार, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब, सूचना मंत्री अटौला तारद, पर्यावरण मंत्री मुसादिक मलिक और विशेष सहायक विधि फातिमी के साथ थे.
पाकिस्तान और सऊदी अरब के संबंध
पाकिस्तान और सऊदी अरब के ऐतिहासिक संबंध हैं. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने पहले ही कहा था कि यह यात्रा दोनों नेताओं को इस अनूठी साझेदारी को और मजबूत करने और नए सहयोग के अवसर खोजने का मौका देगी. यह प्रधानमंत्री शरीफ की एक सप्ताह में खाड़ी क्षेत्र में तीसरी यात्रा है. इससे पहले, वह 11 सितंबर और सितंबर में दो बार कतर गया था-जहां उन्होंने इजरायल के हमास नेतृत्व पर हमले के बाद दोहा के साथ एकजुटता व्यक्त की और अरब-इस्लामिक देशों की आपातकालीन बैठक में भाग लिया.

