Jaish e mohammed: पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने एक नया हथकंडा अपनाया है. हाल ही में खुलासा हुआ था कि इस आतंकवादी संगठन ने जमात अल-मुमिनात नाम से एक महिला जिहादी ब्रिगेड बनाई है. अब, यह बात सामने आई है कि जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए तुफात अल-मुमिनात नाम से एक ऑनलाइन जिहादी कोर्स शुरू किया है. मसूद अज़हर की बहनें और उमर फ़ारूक़ की पत्नी इसका नेतृत्व करेंगी और प्रत्येक प्रतिभागी से 500 रुपये का चंदा लिया जाएगा.
इस महीने की शुरुआत में, यह खुलासा हुआ था कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, जमात उल-मुमिनात नाम से एक महिला ब्रिगेड बनाने की तैयारी कर रहा है. अब, एक नए दस्तावेज़ से पता चला है कि यह समूह महिलाओं की भर्ती और धन जुटाने के लिए एक ऑनलाइन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी चला रहा है. इस कोर्स का नाम तुफात अल-मुमिनात रखा गया है.
मसूद अज़हर की बहनें करेंगी नेतृत्व
मौलाना मसूद अज़हर ने इस महिला ब्रिगेड की कमान अपनी छोटी बहन सादिया अज़हर को सौंपी है. सादिया के पति यूनुस अज़हर ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए थे. उन्होंने अपनी छोटी बहन सफ़िया और उमर फ़ारूक़ की पत्नी अफ़रीरा फ़ारूक़ को भी शूरा में शामिल किया है. उमर फ़ारूक़ पुलवामा आतंकी हमले में शामिल था और बाद में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था.
पाठ्यक्रम में क्या पढ़ाया जाएगा?
संगठन को मज़बूत करने और महिला ब्रिगेड में और ज़्यादा महिलाओं की भर्ती करने के उद्देश्य से, जैश-ए-मोहम्मद के नेताओं के परिवार के सदस्य, जिनमें मसूद अज़हर और उसके कमांडरों के रिश्तेदार भी शामिल हैं, महिलाओं को जिहाद, धर्म और इस्लाम के नज़रिए से उनकी ज़िम्मेदारियों के बारे में सिखाएंगे.
ऑनलाइन लाइव लेक्चर
यह भर्ती अभियान 8 नवंबर को ऑनलाइन लाइव लेक्चर के माध्यम से शुरू होने वाला है. मसूद अज़हर की दो बहनें, सादिया अज़हर और समायरा अज़हर, रोज़ाना 40 मिनट के ऑनलाइन सत्रों में महिलाओं को जैश की महिला शाखा, जमात-उल-मुमिनात में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेंगी.
किया जाएगा चंदा इकट्ठा
जैश-ए-मोहम्मद अब इस कोर्स में दाखिला लेने वाली प्रत्येक महिला से 500 पाकिस्तानी रुपये का चंदा इकट्ठा कर रहा है और उनसे एक ऑनलाइन सूचना फ़ॉर्म भी भरने को कहा जा रहा है.
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महिला ब्रिगेड की घोषणा
इस महीने की शुरुआत में, 8 अक्टूबर को, मसूद अज़हर ने जैश-ए-मोहम्मद की महिला ब्रिगेड, जमात-उल-मुमिनात की घोषणा की और 19 अक्टूबर को रावलकोट (पीओके) में दुख्तरान-ए-इस्लाम नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया गया.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को समूह में भर्ती करना था. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान में कुछ सख्त सामाजिक मानदंडों के कारण, कई जगहों पर महिलाओं का अकेले बाहर निकलना अपमानजनक माना जाता है, इसलिए जैश-ए-मोहम्मद अब महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहा है ताकि आईएसआईएस, हमास और लिट्टे की तर्ज पर पुरुष आतंकी ब्रिगेड के साथ-साथ महिला आतंकी ब्रिगेड बनाई जा सके और उनका इस्तेमाल आत्मघाती/फिदायीन हमलों के लिए किया जा सके.

