North korea: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने महिलाओं को लेकर एक ऐसा फैसला लिया है जिसे सुन कर हर कोई हैरान रह गया. बता दें कि किम जोंग उन ने महिलाओं के ब्रेस्ट इमप्लांट यानी स्तन वृद्धि सर्जरी पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होने स्तन प्रत्यारोपण को असामाजिक और पूंजीवादी बताया है.
सख्त कार्रवाई की चेतावनी
सरकार ने ऐसे मामलों में शामिल महिलाओं और डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, जिसमें श्रम शिविरों में भेजकर सज़ा देना भी शामिल है. रिपोर्टों के अनुसार जिन महिलाओं पर सर्जरी कराने का संदेह है उन्हें किम जोंग उन की जन स्वास्थ्य टीम द्वारा शारीरिक परीक्षण से गुजरना पड़ सकता है.
क्या है पूरा मामला?
सितंबर 2025 में एक निजी डॉक्टर और दो महिलाओं पर सारीवोन शहर में एक सार्वजनिक मुकदमे के दौरान अवैध स्तन वृद्धि सर्जरी करने और करवाने के आरोप में मुकदमा चलाया गया था. ये महिलाएं 20 साल की थीं और अपनी शारीरिक बनावट में सुधार करना चाहती थीं. मुकदमे में सिलिकॉन चिकित्सा उपकरण और नकदी जैसी अवैध वस्तुओं को सबूत के तौर पर पेश किया गया था.
किम जोंग उन की सरकार ने जुलाई से सितंबर 2025 तक एक इमरजेंसी अभियान चलाया. जिसमें गुप्त जांच और निगरानी का इस्तेमाल करके ऐसी सर्जरी करने डॉक्टरों और करवाने वाली महिलाओं की पहचान की गई. गुप्तचर एजेंटों और पड़ोस निगरानी टीमों ने महिलाओं की पहचान की और उन्हें शारीरिक परीक्षण के लिए अस्पताल भेजा. सरकार ने चेतावनी दी है कि ऐसे मामलों में शामिल महिलाओं और डॉक्टरों को लेबर कैंप में भेजा जा सकता है.
इस फैसले पर प्रतिक्रियाएं
उत्तर कोरियाई सरकार का कहना है कि 20 और 30 की उम्र की महिलाओं में महिलाओं में ब्रेस्ट सर्जरी, पलकों की सर्जरी और आइब्रो टैटू जैसी चीज़ों की बढ़ती मांग पूंजीवादी सोच का असर है. इस फैसले को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं हैं. कुछ लोगों ने डॉक्टरों की आर्थिक मजबूरी को समझते हुए सहानुभूति दिखाई, जबकि कुछ ने इसे समाज विरोधी काम बताया. सरकार अब इस ट्रेंड को पूरी तरह खत्म करने पर जोर दे रही है.

