Russia Ukraine News: रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने के लिए 15 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पुतिन अलास्का में मुलाकात करने वाले हैं। रिपोर्ट्स की माने तो दोनों ही नेता यूक्रेन युद्ध के भविष्य पर बात करेंगे। लेकिन उससे पहले यूक्रेन जंग से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने सभी को हिलाकर रख दिया है।
रूस ने CIA अधिकारी को दिया अपना प्रतिष्ठित सम्मान
दरअसल, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ रूस पहुँचे थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान पुतिन ने अमेरिकी दूत को ‘ऑर्डर ऑफ लेनिन’ सम्मान प्रदान किया। आपको बता दें कि सोवियत काल का यह प्रतिष्ठित सम्मान विटकॉफ के लिए नहीं, बल्कि एक वरिष्ठ सीआईए अधिकारी के लिए भेजा गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस अधिकारी का नाम जूलियन गैलिना है, जो सीआईए की डिजिटल इनोवेशन की उप निदेशक हैं। उनके 21 वर्षीय बेटे माइकल ग्लॉस की पिछले साल यूक्रेन में मृत्यु हो गई थी।
रूस की तरफ से लड़ रहा था माइकल ग्लॉस
जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार माइकल ग्लॉस 2023 की शरद ऋतु में रूसी सेना में शामिल हो गए थे। उन्होंने मॉस्को के रेड स्क्वायर से अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर भी साझा की थी। उन्होंने रूस के समर्थन में एक बयान भी दिया था। उन्होंने यूक्रेन युद्ध को ‘छद्म युद्ध’ बताया था और पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टों को दुष्प्रचार बताया था। उनकी मौत की खबर सबसे पहले रूसी मीडिया में अप्रैल 2024 में आई थी। बाद में सीआईए ने कहा कि ग्लॉस मानसिक समस्याओं से जूझ रहे थे। उनकी मौत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला नहीं था।
आपको बता दें कि ऑर्डर ऑफ़ लेनिन सोवियत संघ का सर्वोच्च और प्रतिष्ठित सम्मान था। इसकी शुरुआत 1930 में हुई थी और इसका नाम लेनिन के नाम पर रखा गया था। यह पुरस्कार व्यक्तियों, संगठनों और यहाँ तक कि शहरों को देश के लिए असाधारण सेवा, युद्ध में बहादुरी, या विज्ञान, कला, उद्योग और कृषि में प्रमुख उपलब्धियों के लिए दिया जाता था।
माइकल के परिवार ने अवार्ड को लेकर क्या कहा?
रूस द्वारा दिए गए ‘ऑर्डर ऑफ़ लेनिन’ के बारे में माइकल के परिवार ने कहा कि पहले रूस को यह नहीं पता था कि माइकल की माँ एक सीआईए अधिकारी थीं। माइकल के पिता इराक में अमेरिकी सेना द्वारा तैनात हैं।
उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट को बताया, “हमें डर था कि मॉस्को से कोई उनकी माँ की पहचान का पता लगा लेगा और उसका इस्तेमाल दुष्प्रचार के लिए करेगा।” पुतिन द्वारा दिए गए इस सम्मान का क्या किया गया, इस पर विटकॉफ या व्हाइट हाउस ने कोई टिप्पणी नहीं की है। क्रेमलिन या रूसी विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि नहीं की है।

