Kim jong un: दुनिया के सबसे खतरनाक नेता माने जाने वाले उत्तर कोरिया (North Korea) के शासक किम जोंग उन दूसरे देश की यात्रा बहुत कम करते हैं। किम जोंन उन (kim jon un security) जब कहीं भी जाते हैं तो उनके उनके सुरक्षा पर खास ध्यान दिया जाता है। रूस और चीन उनके मित्र मुल्क माने जाते हैं किम जोंग उन विदेश दौरे के नाम पर ज्यादातर इन्हीं देशों की यात्रा करते हैं लेकिन मित्र मुल्क होने के बावजूद भी इन देशों में भी किम जोंग उन के सुरक्षाकर्मी उनके सुरक्षा पर नज़र रखते हैं।
गिलास भी ले गए साथ
किम जोंग उन चीन की यात्रा के दौरान बुधवार ( 3 सितंबर) को चीन की राजधानी बीजिंग में रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Putin) से मुलाकात की। डेली मेल की माने तो इस मुलाकात के बाद किम जोंग के सुरक्षाकर्मी ने उनके द्वारा इस्तेमाल किया गया गिलास भी अपने साथ ले गए। ये किम जोंग उन की सुरक्षा की वजह से किया गया। अब आप ये सोच कर हैरान रह जाएंगे कि एक गिलास से उत्तर कोरिया के शासक को खतरा कैसे हो सकता है तो बता दें कि इससे किम जोंग की डीएनए लिया जा सकता था इसी वजह से सुरक्षाकर्मी उनका गिलास भी अपने साथ ले गए।
मिटा दिए सारे निशान
सुरक्षाकर्मी यहीं नहीं रूके वो उस कुर्सी और मेज़ को भी साफ किए जिस पर किम बैठे थे। रूसी पत्रकार अलेक्जेंडर युनाशेव ने बताया कि मुलाकात के बाद कुर्सी, मेज़ और आसपास की चीज़ों को इस तरह साफ़ किया गया कि उन पर किम का कोई निशान न रह जाए।
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विशेषज्ञों कि माने तो ये इस वजह से किया जाता है ताकि जासूसी से बचा जा सका या फिर किम अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी छिपाने की कोशिश कर रहे हों। किसी नेता के डीएनए और स्वास्थ्य की गुप्त जानकारी उसके उंगलियों के निशान और मल-मूत्र से पता लगाई जा सकती है।
उंगलियों के निशान क्यों अहम
बता दें कि डिजिटल युग में उंगलियों के निशान का इस्तेमाल किसी के भी गुप्त दस्तावेज़ों तक पहुँचने के लिए किया जा सकता है। फ़ोन, लैपटॉप और गुप्त स्थानों में प्रवेश के लिए भी उंगलियों के निशान का इस्तेमाल किया जाता है।
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मल-मूत्र खोल सकते हैं स्वास्थ्य के राज
वहीं किसी भी देश के नेता का स्वास्थ्य ‘बेहद गोपनीय’ माना जाता है।मल-मूत्र से अगर यह जानकारी बाहर आ जाती है, तो दुश्मन देश उनकी कमज़ोरियों का फ़ायदा उठा सकते हैं।विदेशी एजेंसियाँ राष्ट्रपति की कमज़ोर या बीमार छवि बनाने के लिए स्वास्थ्य रिपोर्ट लीक कर सकती हैं। इससे घरेलू राजनीति और जनता का विश्वास डगमगा सकता है।यही कारण है कि दुनिया के कई देशों की सुरक्षा एजेंसियाँ विदेश यात्राओं के दौरान अपने नेताओं के उंगलियों के निशान साफ़ करती हैं और उनका मल-मूत्र वापस ले जाती हैं।

