Israel Gaza Church Attack: गाजा पट्टी में जारी युद्ध के बीच एक धमाके के बाद अचानक ललोगों में अफरा तफरी मच गई। दरअसल यह हमला एक चर्चा था। गुरुवार सुबह गाजा के एकमात्र कैथोलिक चर्च पर इज़राइल द्वारा किए गए कथित हमले में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि चर्च से जुड़े पादरी समेत कई लोग घायल हो गए। कैथोलिक चैरिटी संस्था कैरिटास जेरूसलम के अनुसार, मृतकों में एक 60 वर्षीय चर्च कार्यकर्ता और एक 84 वर्षीय महिला शामिल हैं।
चर्च में शरण लिए हुए थे ईसाई और मुस्लिम परिवार
बताया जा रहा है कि इस हमले में घायल पादरी फादर गेब्रियल रोमानेली दिवंगत पोप फ्रांसिस के करीबी थे और गाजा में युद्ध की स्थिति पर उनसे लगातार संपर्क में थे। चश्मदीदों ने बताया कि हमले के समय चर्च में कई ईसाई और मुस्लिम परिवार शरण लिए हुए थे, जिनमें विकलांग बच्चे भी शामिल थे। अल-जजीरा ने आस-पास मिलाकार कुल मौतों की संख्या एक दर्जन से ज्यादा बताई है। इज़राइली सेना ने कहा है कि उसे घटना की जानकारी है और वह हमले की जाँच कर रही है। हालाँकि, सेना ने अभी तक इस हमले की ज़िम्मेदारी नहीं ली है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुस्सा और चिंता
इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गुस्सा और चिंता बढ़ा दी है। चर्च के अधिकारियों और मानवाधिकार समूहों ने इसे युद्ध अपराध माना है और इज़राइल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस बीच, इस हमले को लेकर ईसाई समुदाय में भारी रोष है और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संगठनों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है।
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अल-जजीरा की के मुताबिक फ़िलिस्तीनी समूह ने गाजा शहर में चर्च पर इज़राइल के हमले की निंदा करते हुए इसे “पूजा स्थलों और निर्दोष विस्थापित लोगों के ख़िलाफ़ एक नया अपराध” बताया है। हमास ने टेलीग्राम पर साझा किए गए एक बयान में कहा, “यह फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ व्यापक विनाश के युद्ध के संदर्भ में है।”

