Iran death penalty: सबसे ज्यादा फांसी की सजा देने वाले देशों में ईरान (Iran) भी शामिल है. हाल के महीनों में ईरानी कानून अफ़ग़ान प्रवासियों के ख़िलाफ़ काफ़ी सख़्त हो गए हैं. इज़राइल के साथ युद्ध के बाद से ईरानी सरकार ने लाखों अफ़ग़ानों को अफ़ग़ानिस्तान निर्वासित किया है.
सितंबर में 187 लोगों को दी गई फांसी
ईरानी मानवाधिकार संगठन हेनगांव ने बताया कि इस साल अकेले सितंबर में ईरान में लगभग दस अफ़ग़ान नागरिकों को फांसी दी गई. रिपोर्ट के अनुसार सितंबर में ईरान में कम से कम 187 लोगों को फांसी दी गई जो एक चौंका देने वाला आंकड़ा है जो पिछले साल की तुलना में फांसी की संख्या में 140 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल सितंबर में जहां 78 कैदियों को फांसी दी गई थी, वहीं इस साल सितंबर में फांसी की संख्या ईरान में दो दशकों में सबसे ज़्यादा है.
ईरान में मौत की सज़ा पाए अफ़ग़ान
हेनगांव ने अपनी पिछली रिपोर्ट में यह भी बताया था कि पिछले नौ महीनों में ईरान में लगभग एक हज़ार लोगों को फांसी दी गई है जिनमें से 65 अफ़ग़ान नागरिक थे. ये आंकड़े दर्शाते हैं कि ईरानी सरकार अफ़गानों के ख़िलाफ़ एकतरफ़ा कार्रवाई कर रही है या क़ानूनी अधिकारी उन्हें संदेह की नज़र से देख रहे हैं, जिससे उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने का मौक़ा नहीं मिल रहा है.
कुछ रिपोर्टों के अनुसार ईरान में अफ़गान प्रवासियों को संदेह की नज़र से देखा जाता है. क्योंकि ईरान में शिया सरकार है और अफ़गान के लोगों को शिया सरकार का विरोधी माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि अफ़गानिस्तान में सुन्नी बहुसंख्यक हैं और तालिबान शासन की छवि एक कट्टरपंथी सुन्नी सरकार की है.
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मौलिक अधिकारों का हनन
क़ानूनी विशेषज्ञ रोहोल्लाह सख़िज़ाद ने टोलो न्यूज़ को बताया, “मौलिक अधिकारों पर विचार किए बिना अदालतों द्वारा ऐसी सज़ाएं देना अंतरराष्ट्रीय क़ानून और ईरानी क़ानूनी ढाँचे, दोनों का उल्लंघन माना जा सकता है. वास्तव में, यह प्रक्रिया न्याय प्रदान नहीं कर सकती और उसे कमज़ोर करती है.”
यह भी माना जाता है कि ईरान में अभियुक्तों को अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वकील नहीं दिया जाता और अदालतें ऐसी सज़ाएं दे रही हैं.

