Donald Trump’s Tariff Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक नई टैरिफ नीति लागू की है, जिसमें भारत, चीन और कई अन्य देशों पर भारी शुल्क लगाए गए हैं। हालांकि, नॉर्थ कोरिया और रूस जैसे देश इस टैरिफ नीति से अलग रखे गए हैं। इन दोनों देशों पर अब तक ट्रंप प्रशासन ने कोई नया टैरिफ लगाने की घोषणा नहीं की है। इसका मुख्य कारण यह है कि इन देशों पर पहले से ही अमेरिकी प्रतिबंध और टैरिफ काफी ऊँचे स्तर पर हैं, जिससे अमेरिका और इन देशों के बीच व्यापार लगभग बंद सा हो चुका है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने बताया कि उत्तर कोरिया और रूस के साथ अर्थपूर्ण व्यापार के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है, इसलिए ट्रंप प्रशासन को इन देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई। यह नीति अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक प्रतिबंधों के मिश्रण के कारण बनाई गई है, जिससे अमेरिका अपने हितों की रक्षा कर रहा है।
टैरिफ पर अमेरिकी लेट-नाइट शोज की आलोचना
ट्रंप के इस टैरिफ फैसले का जमीनी असर आम जनता और व्यापार दोनों पर पड़ रहा है। इसी को लेकर अमेरिकी टीवी के मशहूर लेट-नाइट शो होस्ट्स स्टीफन कोलबर्ट और जिमी फॉलन ने भी ट्रंप के निर्णयों की कड़ी आलोचना की है। जिमी फॉलन ने अपने शो ‘द टुनाइट शो’ में मजाकिया अंदाज में कहा कि ट्रंप ने अब तक 90 से अधिक देशों पर टैरिफ लगाए हैं और अब सिर्फ नॉर्थ कोरिया और जेफ्री एप्सटीन के निजी द्वीप ‘लिटिल सेंट जेम्स’ पर ही टैरिफ बाकी रह गया है।
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फॉलन ने चेतावनी दी कि ब्राजील पर टैरिफ लगाए जाने से केले, आम और अनानास जैसे फलों की कीमतों में भारी वृद्धि हो सकती है, जिससे आम उपभोक्ता को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, “एडेबल अरेंजमेंट्स (खाने के सजावट) तब तक सुरक्षित हैं जब तक आप खरबूजे और लंबे टूथपिक की कीमतें बढ़ाते नहीं।”
स्टीफन कोलबर्ट ने भी अपने शो में कहा कि भारत पर टैरिफ बढ़ाकर 50% करने से गॉज, बैंडेज और मेडिकल वॉडिंग जैसी आवश्यक चीजों की कीमतें बढ़ जाएंगी, जो स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर सकती हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि वह अब अपना नया प्रोडक्ट ‘स्टीव्स वॉड’ लॉन्च करने का सोच रहे हैं, जिसका मकसद लोगों को महंगी चिकित्सा सामग्री से बचाना है।
डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीति का वैश्विक व्यापार पर बड़ा प्रभाव पड़ रहा है। जहां एक ओर भारत और चीन जैसे बड़े आर्थिक साझेदारों पर भारी शुल्क लगाए जा रहे हैं, वहीं रूस और उत्तर कोरिया जैसे प्रतिबंधित देशों को इससे बाहर रखा गया है। यह नीति अमेरिका के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है, लेकिन इसके नकारात्मक प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि टैरिफ की यह नीति जारी रहती है तो वैश्विक व्यापार में अस्थिरता बढ़ सकती है और उपभोक्ता महंगाई का सामना करेंगे।

