Imran khan sister Aleema Khanum: अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी. घटना के बाद भारत ने तुरंत ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान में पनप रहे आतंकी ठिकानों और उनके इंफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाया गया. सुरक्षा एजेंसियों को पहले से ही शक था कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान की तरफ से रची गई है, लेकिन अब पाकिस्तान के ही भीतर से एक बड़ा दावा सामने आया है, जिसने मामले को और गंभीर बना दिया है.
पाक की इस चर्चित महिला ने खोले राज़
पूर्व पाक प्रधानमंत्री इमरान खान की बहन अलीमा खानूम ने एक इंटरव्यू में चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहलगाम हमले के पीछे पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर का हाथ था. अलीमा के अनुसार, मुनीर एक “कट्टरपंथी इस्लामी और इस्लामिक कंजर्वेटिव” हैं, जो भारत के साथ जंग छेड़ने की इच्छा रखते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मुनीर की कठोर और उग्र सोच ही उन्हें उन समुदायों और देशों के खिलाफ हिंसा की तरफ धकेलती है, जो इस्लाम नहीं मानते.
भारत के साथ संबंध सुधारने की कोशिश करते इमरान – अलीमा
अलीमा ने यह भी दावा किया कि इमरान खान इस कट्टरपंथी रवैये से बिल्कुल अलग हैं. उनके मुताबिक, जब भी इमरान सत्ता में रहते हैं, वे भारत के साथ संबंध सुधारने, खासकर भारत और बीजेपी नेतृत्व के साथ मित्रतापूर्ण रिश्ते बनाने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा कि इमरान हमेशा संघर्ष की जगह कूटनीति को तरजीह देते हैं, इसलिए मुनीर और इमरान की विचारधाराओं में टकराव बढ़ता गया.
इमरान खान को मानसिक और शारीरिक रूप से किया जा रहा प्रताड़ित
इमरान खान इस समय पाकिस्तान की अदियाला जेल में कैद हैं. अलीमा के अनुसार, जेल प्रशासन उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है. लंबे समय तक उन्हें परिवार से मिलने नहीं दिया गया और इसी दौरान उनकी हत्या को लेकर अफवाहें भी फैलाई गईं. अदालत के आदेशों की अनदेखी की जाती रही और भारी दबाव के बाद उनकी बहन उजमा खान को सिर्फ 20 मिनट की मुलाकात की अनुमति दी गई. उस मुलाकात में इमरान ने स्वीकार किया कि उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और उनकी हत्या की साजिश भी रची जा रही है.
इन आरोपों के बाद अब पहलगाम हमले पर नया राजनीतिक तूफान उठ गया है. पाकिस्तान की सत्ता और सेना के आंतरिक टकराव ने इस हमले को और संदिग्ध बना दिया है, जबकि भारत पहले ही ऑपरेशन सिंदूर के जरिए कड़ा जवाब दे चुका है.
पाकिस्तान के भीतर हैं सत्ता के दो खेमे
आज का संकट उस पैटर्न के कहीं बड़े संस्करण की आहट देता है. अगर पाकिस्तान के भीतर सत्ता दो खेमों—एक सेना प्रमुख के नेतृत्व वाला और दूसरा पीटीआई समर्थित जन-आक्रोश—में बंटती है और सरकार सिर्फ सफाई देकर स्थिति संभालने की कोशिश करती है, तो यह एक ऐसे राष्ट्र का संकेत है जो घरेलू असंतुलन को बाहरी तनाव से ढकने की कोशिश कर सकता है.
पाकिस्तान खुद कह रहा है कि सब सामान्य है, लेकिन उसकी राजनीति, सड़कों पर असंतोष, सेना के भीतर खिंचाव, पाकिस्तान तहरीक इंसाफ का उग्र आरोप, और सीडीएफ नोटिफिकेशन की अनिश्चितता यह दिखाती है कि देश अपनी ही संस्थाओं द्वारा खींचे जा रहे रस्साकशी में उलझा है.

