China Population Decline: एक तरफ जहां भारत बढ़ती जनसंख्या की वजह से ढेर सारी समस्याओं का सामना कर रही है. वहीं, चीन अपने देश में जन्म दर बढ़ाने के लिए सरकारी वित्तीय सहायता और अन्य प्रोत्साहन दे रहा है. फिर भी कोई प्रभाव पड़ता हुआ नहीं दिख रहा है. कई सरकारी प्रोत्साहन पैकेजों के बावजूद जन्म दर में वृद्धि होती हुई नहीं दिख रहे है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि देश का सबसे ज्यादा बच्चा पैदा करने वाला प्रान्त ग्वांगडोंग वास्तव में सबसे प्रतिकूल जन्म वातावरणों में से एक है.
दूसरे सबसे निचले स्थान पर है ग्वांगडोंग
बीजिंग स्थित कैपिटल यूनिवर्सिटी ऑफ इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस की पत्रिका ग्वांगडोंग फर्टिलिटी-फ्रेंडली इंडेक्स यानी ‘प्रजनन-अनुकूलता सूचकांक’ में दूसरे सबसे निचले स्थान पर है. पॉपुलेशन एंड इकोनॉमिक्स में प्रकाशित इस अध्ययन में सभी चीनी प्रांतों की तुलना की गई और पाया गया कि प्रजनन-अनुकूल सूचकांक में ग्वांगडोंग दूसरे सबसे निचले स्थान पर है. यह अध्ययन नानजिंग यूनिवर्सिटी ऑफ़ पोस्ट्स एंड टेलीकम्युनिकेशंस और चाइना पॉपुलेशन एंड डेवलपमेंट रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था.
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रिपोर्ट में क्या-क्या है?
इसके अलावा, इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ग्वांगडोंग में जन्म दर ऊंची होने के बावजूद मातृत्व अवकाश, शिशु देखभाल सुविधाओं और सरकारी सहायता के मामले में स्थिति खराब है. यहां मातृत्व अवकाश केवल 98 दिनों का है, जो कानूनी न्यूनतम है. शोधकर्ताओं ने कहा कि ग्वांगडोंग में जन्म की स्थितियों और सरकारी नीतियों के बीच स्पष्ट असंतुलन है. साल 2024 की बात करें तो इस साल ग्वांगडोंग की जन्म दर प्रति 1,000 व्यक्तियों पर 8.89 थी, जबकि राष्ट्रीय औसत 6.77 प्रति 1,000 था.
इसके बावजूद, चीन में मृत्यु दर जन्म दर से अधिक रही और देश की कुल जनसंख्या में लगातार तीसरे वर्ष गिरावट आई. चीन की जनसंख्या अब घटकर 1.408 अरब हो गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1.39 करोड़ कम है.
चीन की बढ़ गई टेंशन
घटती जनसंख्या और बुजुर्गों की बढ़ती आबादी की वजह से चीन बड़ी संकट की ओर बढ़ता हुआ दिख रहा है. जिसकी वजह से चीन में जनसांख्यिकीय संकट बढ़ती जा रही है. जिससे निपटने के लिए सरकार अब एक ‘जन्म-अनुकूल समाज’ बनाने की दिशा में काम कर रही है और उसने परिवार वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता, कर राहत और अतिरिक्त अवकाश जैसी योजनाएं शुरू की हैं. तीन साल से कम उम्र के बच्चों को प्रति वर्ष 3,600 युआन (लगभग 42,000 रुपये) भी दिए जाते हैं.
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