Iran Drone Reverse Engineering : ईरान-इजरायल के बीच 12 दिन तक जंग चली। इस टकराव में जमकर दोनों देशों ने एक दूसरे पर बमबारी की। ईरान ने इस बार इजरायल पर कई हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया, जिसमें इजरायल को जान-माल का नुकसान हुआ है। वहीं इजरायली सेना ने भी जमकर तेहरान को निशाना बनाया और कई बड़े ईरानी सैन्य अधिकारियों को मारने का दावा किया। लेकिन अब जो खबर ईरान से सामने आ रही है उससे नेतन्याहू की टेंशन बढ़ सकती है।
असल में इजरायल ईरान को तबाह करने के चक्कर में तेहरान के लिए बड़ा खजाना वहीं पर छोड़ आया है। यहां पर हम इजरायल के अत्याधुनिक ड्रोन की बात कर रहे हैं, जो
सैकड़ों की तादाद में गायब हैं।
ईरान के हाथ लगा इजरायल का खजाना!
येदिओथ अहरोनोथ (Yedioth Ahronoth) ने इजरायली रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि कई सौ मिलियन डॉलर की कीमत के ड्रोन गायब हो गए हैं। अब ईरान उन्हें अगले युद्ध में इस्तेमाल के लायक बना रहा है और रिवर्स इंजीनियरिंग कर रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि रिवर्स इंजीनियरिंग वह प्रक्रिया है जिसमें किसी चीज को कई हिस्सों में बांटा जाता है और हर हिस्से पर रिसर्च की जाती है। उसे कैसे बनाया गया है, किन चीजों का इस्तेमाल किया गया है। उसका डिजाइन क्या है, उसका ढांचा कैसे तैयार किया गया है। इसके कई चरण होते हैं।
किसी चीज को कई हिस्सों में बांटा जाता है और हर हिस्से पर रिसर्च की जाती है। उसे कैसे बनाया गया है, किन चीजों का इस्तेमाल किया गया है। उसका डिजाइन क्या है, उसका ढांचा कैसे तैयार किया गया है। इसके कई चरण होते हैं।
कौन-कौन से ड्रोन इजरायल ने छोड़े पीछे?
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने मध्यम दूरी के हर्मीस ड्रोन छोड़े हैं, जिनका इस्तेमाल खुफिया जानकारी और निगरानी के लिए किया जाता है। इसके अलावा एफपीवी यानी फर्स्ट पर्सन व्यू मिनी क्वाडकॉप्टर ड्रोन भेजे गए, जो बेहद छोटे हैं और विस्फोटकों से भरे हुए हैं। इनकी खासियत यह है कि ये पल भर में तबाही मचाने में सक्षम हैं। इस ड्रोन का इस्तेमाल यूक्रेन और रूस में खूब किया गया है।
अगर ईरान इन ड्रोन्स रिवर्स इंजीनियरिंग में कामयाब होता है तो वो इन्हें इजरायल समेत अपने दुश्मनों के खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है। वहीं ईरान अगर इसे बना लेता है तो इसे बेच भी सकता है और मोटा पैसा कमा सकता है।

