हरम का नाम लेते ही मुगलों की तस्वीर सामने आती है. हरम और मुगलों का बड़ा ही गहरा नाता रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में पहले व्यापार और फिर कब्जा जमाने वाले अंग्रेज भी हरम का शौक रखते थे. इतिहासकारों की मानें तो अंग्रेजों को जब भी भारत भेजा जाता तो उन्हें यह सख्त हिदायत दी जाती थी कि वे भारतीय महिलाओं से दूर ही रहेंगे लेकिन अंग्रेज अफसर इस सलाह को सीरियसली नहीं लेते थे.
वाइट मुग़ल के नाम से फेमस अंग्रेज ने बनाया हरम
इतिहासकारों की मानें तो साल 1804 में दिल्ली के तख़्त पर शाह आलम का कब्जा था. इसी साल मराठों ने सुनियोजित तरीके से दिल्ली पर धावा बोल दिया. ऐसे में शाह आलम की मदद को ब्रिटिश फ़ौज आगे आई थी जिसकी नेतृत्व ब्रिटिश अफसर डेविड ऑक्टरलोनी कर रहे थे. इस युद्ध में ब्रिटिश फ़ौज ने मराठों से दिल्ली को बचा लिया था जिससे खुश होकर शाह आलम ने डेविड को ‘नासिर उद दौला’ नाम की उपाधि से सम्मानित किया था. बताते हैं कि यह अंग्रेज अफसर इस कदर मुगलों के प्रभाव में आ गया था कि उनके जैसे ही वेशभूषा में रहने लगा था वैसा ही खानपान और इसने अपने लिए हरम भी बना लिया था.
अय्याशी पूरी करने के लिए 13 पत्नियों को रखा
बताते हैं कि डेविड ऑक्टरलोनी को मुग़ल दरबार में रेजिडेंट नियुक्त किया गया था. इस बीच इसके दिलो दिमाग पर मुगलिया तौर-तरीकों का गहरा प्रभाव पड़ा और इसने भी अपने लिए एक हरम बना लिया. अपनी अय्याशी को पूरा करने के लिए डेविड ने एक दो नहीं बल्कि 13 हिन्दुस्तानी महिलाओं से शादी की थी. ऐसा बताते हैं कि सिर्फ डेविड ऑक्टरलोनी ही नहीं बल्कि कई अन्य ब्रिटिश अधिकारी भी ऐसे ही शौक रखते थे. इसी क्रम में एक ब्रिटिश अधिकारी किर्कपैट्रिक का भी नाम सामने आता है जो हैदराबाद में मुगलों की तरह ही रहता था.

