Mughal era eunuchs secrets: आपने अक्सर सुना होगा कि मुगलों के दौर में हरम की सुरक्षा की जिम्मेदारी किन्नरों के हाथ में होती थी. ये सच है कि किन्नर बादशाहों की फेवरेट जगह ‘हरम’ की सुरक्षा में मुस्तैद रहते थे लेकिन उनका काम सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था. इतिहासकार बताते हैं कि हरम की सुरक्षा के अलावा भी इन किन्नरों को कई जिम्मेदारियां मिलती थीं. इनमें से कुछ तो शाही दरबार में बादशाह के सलाहकार तक बन गए थे. कुछ किन्नर इतने पावरफुल थे कि मुग़ल सल्तनत में उनकी तूती बोलने लगी थी, वे कई बड़े फैसले लेने लगे थे और शासन में उनका खुल्ला हस्तक्षेप हुआ करता था. पढ़िए ऐसे ही कुछ अनसुने किस्से….
अकबर का सबसे करीबी किन्नर-इतिमाद खान
इतिहासकार शादाब बानो अपनी किताब (eunuchs in mughal household and court) में लिखती हैं कि इतिमाद का अकबर के दरबार में अच्छा खासा दखल था. वो अक्सर बादशाह अकबर को सलाह दिया करता था और उनके भरोसे के चुनिंदा लोगों में से एक था. इतिमाद बादशाह अकबर के कितने करीब था ये इस बात से भी पता चलता है कि उसे हरम की सिक्योरिटी समेत बड़े विभाग जैसे वित्त आदि का जिम्मा तक दिया गया था. बताते हैं कि इतिमाद महल में चलने वाले हर छोटी-बड़ी साजिशों के बारे में अकबर को बताया करता था. इतिमाद की हत्या उसके ही एक सैनिक ने कर दी थी.
ख़ास दरबारियों से भी आगे हुआ करते थे किन्नर
कई इतिहाकारों, यहां तक कि उस दौर के व्यापारियों ने अपने यात्रा वृतांत में लिखा है कि मुग़ल काल में किन्नरों को जो अधिकार मिले हुए थे वैसे तो कई ख़ास दरबारियों को भी नसीब नहीं हुआ करते थे. किन्नर ना सिर्फ हरम का बल्कि बादशाह की हर छोटी बड़ी पसंद नापसंद का ध्यान रखते जिसके चलते वे जल्द ही उनकी नजरों में आ जाते थे.

