Chandra Grahan 2025: कब लगेगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण जाने सूतक काल से लेके धार्मिक मान्यता तक, क्या करे और क्या ना करे ?

इस साल दो चंद्र ग्रहण पड़ने वाले हैं। पहला ग्रहण साल की शुरुआत में लग चुका है और अब दूसरा चंद्र ग्रहण सितंबर में लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व होता है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका प्रभाव मनुष्य के जीवन और वातावरण पर भी देखा जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह ग्रहण कब लगेगा, कहां दिखाई देगा और सूतक काल कब से आरंभ होगा।

Published by Ananya verma

Chandra Grahan 2025 : जानें तिथि, समय, सूतक काल और महत्व

इस साल दो चंद्र ग्रहण पड़ने वाले हैं। पहला ग्रहण साल की शुरुआत में लग चुका है और अब दूसरा चंद्र ग्रहण सितंबर में लगने जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व होता है और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसका प्रभाव मनुष्य के जीवन और वातावरण पर भी देखा जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि यह ग्रहण कब लगेगा, कहां दिखाई देगा और सूतक काल कब से आरंभ होगा।

कब लगेगा चंद्र ग्रहण?

इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगने वाला है। यह ग्रहण रात 09:27 बजे से शुरू होकर 8 सितंबर की देर रात 01:26 बजे तक चलेगा। यानी यह ग्रहण लगभग 4 घंटे से ज्यादा समय तक रहेगा। चंद्र ग्रहण का सबसे खास पहलू यह है कि यह भारत में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। इसीलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा।

सूतक काल कब से शुरू होगा?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। चूंकि ग्रहण 7 सितंबर की रात को लग रहा है, इसलिए इसका सूतक काल दोपहर 12:57 बजे से ही शुरू हो जाएगा। सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और धार्मिक कार्य नहीं किए जाते। शास्त्रों में सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ, भोजन बनाना और मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं।

कहां-कहां दिखाई देगा?

यह दूसरा चंद्र ग्रहण केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। भारत में पूर्ण रूप से दृश्य चीन, रूस, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अफ्रीका और अरब देशों में दिखाई देगा। इस प्रकार यह ग्रहण एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बड़े हिस्से में लोगों को दिखाई देगा।

Related Post

 चंद्र ग्रहण कैसे लगता है?

 चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस स्थिति में पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। जब ऐसा होता है तो पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और हमें चंद्रमा पर काला धब्बा या आंशिक अंधकार दिखाई देता है। इसी घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है।

ज्योतिषीय मान्यता और धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में ग्रहण का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ग्रहण के समय नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय हो जाती है। इसलिए इस अवधि में भोजन करना, यात्रा करना या कोई नया कार्य शुरू करना वर्जित माना जाता है। इसके अलावा सूतक काल और ग्रहण काल में मंत्र जप, ध्यान और भजन-कीर्तन करने की सलाह दी जाती है। मान्यता है कि इस समय किया गया मंत्र जाप सामान्य दिनों से कई गुना अधिक फलदायी होता है।

ग्रहण काल में क्या करें और क्या न करें?
क्या करें?

भगवान का स्मरण करें और मंत्र जाप करें, गीता, रामायण या भागवत जैसे धार्मिक ग्रंथ पढ़ें, ध्यान और साधना करें, ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करके घर को पवित्र करें और दान-पुण्य करें।

क्या न करें?

भोजन पकाना या खाना वर्जित है, सुई-धागा, काटने या धारदार वस्तुओं का उपयोग न करें, मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि न करें और गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

Ananya verma

Recent Posts

World Dirtiest Cities: तेल, धुआं और गंदगी…ये हैं दुनिया के 5 सबसे गंदे शहर! लिस्ट में टॉप पर है इस देश की राजधानी

World Pollution Ranking Cities: इन शहरों में प्रशासन की उदासीनता, औद्योगिक कचरे का गलत प्रबंधन…

December 5, 2025

Akhuratha Sankashti 2025: पापों के नाश और कार्यों में सफलता के लिए रखें अखुरथ संकष्टी का व्रत

Akhuratha Sankashti 2025 Date: चतुर्थी तिथि हर महीने आती है. पौष महीने में आने वाली…

December 5, 2025

Delhi Police Constable Exam 2025: एडमिट कार्ड चाहिए तो तुरंत करें ये काम! वरना हो सकते हैं परेशान

SSC दिल्ली पुलिस परीक्षा 2025: सेल्फ-स्लॉट सिलेक्शन विंडो शुरू, Constable (कार्यकारी, ड्राइवर) और Head Constable…

December 5, 2025

बॉलीवुड मगरमच्छों से भरा…ये क्या बोल गईं दिव्या खोसला, T-Series के मालिक से तलाक पर भी तोड़ी चुप्पी

Divya Khossla News: दिव्या खोसला हाल में ऐसा स्टेटमेंट दिया है, जो बॉलीवुड के फैंस…

December 5, 2025