Amla Navami Katha 2025: पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता लक्ष्मी पृथ्वी भ्रमण करने आई थी और रास्ते में उन्हें भगवान विष्णु और शिव की पूजा करने की इच्छा हुई. लक्ष्मी मां ने सोचा कि वो विष्णु और शिव की पूजा एक साथ कैसे हो सकती है. तभी उन्हें ख्याल आया कि तुलसी और बेल का गुण आंवले में पाया जाता है. तुलसी भगवान विष्णु को प्रिय है और बेल महादेव को. ऐसे में आंवले के वृक्ष को विष्णु और शिव का प्रतीक मानकर मां लक्ष्मी ने आंवला वृक्ष की पूजा की थी.मां लक्ष्मी जी की भक्ती और पूजा से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और शिव जी (Amla Navami Katha 2025) ने उन्हें दर्शन दिए. इसके बाद लक्ष्मी माता ने आंवले के वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर विष्णु और भगवान शिव को भोग लगाया और स्वयं भोजन किया. तब से यह परंपरा चली आ रही है.
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