Premanand Maharaj: वृंदावन के पूज्य संत प्रेमानंद महाराज की एक झलक पाने के लिए भक्त घंटों इंतज़ार करते हैं. अपने बिगड़ते स्वास्थ्य के बावजूद, उन्होंने अपने भक्तों को एक भावुक संदेश भेजा है. क्रोनिक किडनी रोग और दैनिक डायलिसिस के कारण उनकी नियमित पैदल यात्राएँ भले ही रुक गई हों, लेकिन महाराज ने अपनी मुस्कान और आत्मविश्वास से लाखों शिष्यों को प्रेरित किया है.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, महाराज ने स्वयं अपनी स्वास्थ्य स्थिति का वर्णन करते हुए कहा, “दर्द और चिंता तो है, लेकिन बहुत कृपा भी है. मैं बिल्कुल स्वस्थ हूँ. आप सभी प्रसन्न रहें, हम जल्द ही मिलेंगे.” यह भावनात्मक संदेश भक्तों को चिंताएँ छोड़कर “आनंदपूर्वक ईश्वर का नाम जपने” के लिए प्रेरित कर रहा है. महाराज की सकारात्मकता दर्शाती है कि शारीरिक कष्टों के बावजूद, उनका ध्यान केवल भक्ति और राधारानी की कृपा पर ही केंद्रित रहता है.
दैनिक दिनचर्या पर प्रभाव
महाराज प्रतिदिन सुबह लगभग 2 बजे श्री कृष्ण शरणम सोसाइटी से लगभग 2 किलोमीटर पैदल चलकर रमण रेती स्थित काली कुंज आश्रम जाते थे, जहाँ उनके दर्शन के लिए हज़ारों भक्त एकत्रित होते थे. पदयात्रा स्थगित होने के कारण यह प्रक्रिया फिलहाल रोक दी गई है.
अब ‘रोज़ाना’ डायलिसिस करवा रहे हैं
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, संत प्रेमानंद महाराज लंबे समय से पॉलीसिस्टिक किडनी रोग नामक एक आनुवंशिक बीमारी से पीड़ित हैं. वे 2006 से इस बीमारी से पीड़ित हैं, जिससे उनकी दोनों किडनियाँ क्षतिग्रस्त हो गई हैं.
डायलिसिस की आवश्यकता: पहले महाराज को सप्ताह में पाँच दिन डायलिसिस करवाना पड़ता था, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अब उनकी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें रोज़ाना डायलिसिस करवाना पड़ रहा है.
आश्रम में उपचार: महाराज अपने निवास, श्री कृष्ण शरणम सोसाइटी के एक फ्लैट में रहते हैं, जबकि एक अन्य फ्लैट में डायलिसिस की विशेष व्यवस्था की गई है. ऑस्ट्रेलिया के एक हृदय रोग विशेषज्ञ सहित छह डॉक्टरों की एक टीम उनकी देखभाल कर रही है.
प्रेमानंद महाराज का भक्तों के लिए भावुक संदेश
अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित भक्तों की भावनाओं को समझते हुए, प्रेमानंद महाराज ने स्वयं उन्हें एक भावुक संदेश भेजा, जैसा कि मीडिया रिपोर्टों में बताया गया है:
महाराज का संदेश: उन्होंने भक्तों से कहा, “राधारानी का नाम आनंद से जपें. दर्द और चिंता तो है, लेकिन कृपा भी बहुत है। हम बहुत अच्छे हैं। अब खुश रहें। हम जल्द ही मिलेंगे.”
आध्यात्मिक मार्गदर्शन: अपने संदेश के माध्यम से, महाराज ने भक्तों से अपनी चिंताओं को त्यागकर राधारानी के नाम जप पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया, जिससे यह संकेत मिलता है कि उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के बावजूद, उनका ध्यान पूरी तरह से भक्ति पर ही केंद्रित है.
‘पत्नी रात होते ही नागिन…’, पति ने सुनाई ऐसी आपबीती, पूरा मामला जान गए तो दिमाग हिल जाएगा!

