WhatsApp Web New Rules: भारत के दूरसंचार विभाग (DoT) द्वारा मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के लिए जारी किए गए नए और सख्त नियमों की वजह से अब WhatsApp Web के यूजर्स को हर छह घंटे में अनिवार्य रूप से लॉग आउट करना बेहद ही अनिवार्य हो जाएगा. आखिर क्या इसके पीछ की वजह जानने के लिए पूरी खबर पढ़िए.
सिम बाइंडिंग को बनाना होगा अनिवार्य
जानकारी के मुताबिक, पिछले सप्ताह जारी किए गए इन नए निर्देशों में सिम बाइंडिंग को अनिवार्य बनाया गया है. इस नए नियम के तहत वेब-आधारित प्लेटफॉर्म, जैसे कि व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल, स्नैपचैट समेत अन्य मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर यूजर के पंजीकरण के समय इस्तेमाल किया गया सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल (SIM) सर्विसेज से ही जुड़ा होना चाहिए.
आखिर काम कैसे करता है सिम बाइंडिंग?
मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की सर्विसेज तभी ही काम कर सकेंगी जब सिम यूजर के फोन में सिम मौजूद होगा. इसके साथ ही जैसे ही सिम काम करना पूरी तरह से बंद हो जाएगा और तो आप किसी भी तरह से सर्विसेज का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे और साथ ही व्हाट्सएप वेब यूजर्स को हर छह घंटे में लॉग आउट करना बेहद ही ज़रूरी हो जाएगा.
दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकारी कदम
तो वहीं, केंद्र सरकार ने यह कदम मैसेजिंग ऐप्स के लगातार बढ़ते जा रहे दुरुपयोग और साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है. साइबर ठग ज्यादातार भारत के बाहर से बिना सिम के व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने वालों को ही सबसे पहले अपने जाल में फंसाकर उनके साथ साइबर ठगी करते हैं. इस नए नियम के तहत धोखाधड़ी की तेज़ी से बढ़ती जा रही घटनाओं में कमी देखने को मिलेगी.
नए नियमों के मुताबिक, अगर डिवाइस में सिम मौजूद नहीं है तो, यूजर 90 दिनों के बाद भी इन एप्स का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे.
तकनीकी और प्राइवेसी की बढ़ सकती है चिंताएं
लेकिन, इस महत्वपूर्ण कदम से टेक कंपनियों ने चिंता जताते हुए कहा है कि लगातार सिम की जांच और छह घंटे में लॉगआउट करने की आवश्यकता से यूजर्स की प्राइवेसी में बाधा देखने को मिल सकती है और मल्टी-डिवाइस यूज की सुविधा पूरी तरह से खत्म भी हो जाएगी. दूसरी तरफ, दूरसंचार कंपनियों ने सरकार के इस फैसले का पूरी तरह से समर्थन भी किया है.

