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Mark Zuckerberg ने सुनाया कर्मचारियों को फरमान! कहा- AI अपनाना होगा वरना घट सकता है परफॉर्मेंस स्कोर

Published by Renu chouhan

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब सिर्फ एक तकनीक नहीं बल्कि काम करने का नया तरीका बन चुका है. Meta (Facebook की पैरेंट कंपनी) अब अपने कर्मचारियों पर जोर दे रही है कि वे अपने काम में AI टूल्स का इस्तेमाल करें. कंपनी चाहती है कि हर टीम AI को अपने रोजमर्रा के काम का हिस्सा बनाए. Meta अब Google और Microsoft जैसी बड़ी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है, जिन्होंने AI को कर्मचारियों के परफॉर्मेंस का हिस्सा बना दिया है.

Meta में कैसे चल रही है AI की नई नीति?
Meta ने अपने कर्मचारियों की AI उपयोग दर (AI usage) ट्रैक करने के लिए डैशबोर्ड लॉन्च किए हैं. इसके जरिए देखा जा रहा है कि कौन-सी टीम या डिपार्टमेंट AI टूल्स का कितना इस्तेमाल कर रहा है. साथ ही, कंपनी ने एक गेम-जैसा सिस्टम (Gamified System) बनाया है, जहां कर्मचारी AI का इस्तेमाल करने पर बैज और रिवार्ड्स जीत सकते हैं. Meta की Reality Labs डिवीजन, जो कंपनी का हार्डवेयर विभाग है, का लक्ष्य है कि उसके 75% से ज्यादा कर्मचारी AI का इस्तेमाल करें. जून 2024 में यह आंकड़ा सिर्फ 30% था, जो अब 70% तक पहुंच गया है.

Google और Microsoft भी कर रहे हैं यही काम
Meta की तरह Google और Microsoft भी अपने कर्मचारियों के AI इस्तेमाल पर नजर रख रहे हैं. Microsoft की अधिकारी जूलिया लिउसन (Julia Liuson) ने जून में मैनेजर्स से कहा कि वे कर्मचारियों के परफॉर्मेंस रिव्यू में AI यूज को शामिल करें- इसे टीमवर्क जितना जरूरी स्किल माना जाए. वहीं, Google के CEO सुंदर पिचाई ने कहा कि कर्मचारियों को “AI-savvy” यानी AI के जानकार बनना ही होगा, वरना वे इंडस्ट्री में पीछे रह जाएंगे. Google के लगभग 30% कोड अब AI टूल्स से बनाए जा रहे हैं.

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Meta के कर्मचारी AI का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं?
कंपनी के कर्मचारी कोड जनरेट करने, ब्रेनस्टॉर्मिंग, पॉलिसी पूछताछ, और डॉक्यूमेंट ड्राफ्टिंग के लिए AI असिस्टेंट्स का इस्तेमाल करते हैं. Meta ने एक खास प्रोग्राम शुरू किया है- “Level Up”, जिसमें AI टूल “Metamate” के जरिए कर्मचारी जितना ज्यादा AI यूज करते हैं, उतने बैज और पॉइंट्स मिलते हैं.

Meta के CEO का बड़ा लक्ष्य
CEO मार्क जुकरबर्ग ने साफ कहा है कि आने वाले समय में कंपनी के अंदर AI का रोल और बड़ा होगा. उनका मानना है कि 2025 के आखिर तक Meta का AI सिस्टम किसी मिड-लेवल इंजीनियर की तरह काम करेगा. 2026 तक कंपनी का AI रिसर्च और डेवलपमेंट के बड़े हिस्से को संभाल लेगा. Meta का कहना है कि वह AI को कर्मचारियों के लिए सहायक टूल बनाना चाहता है, ताकि उनका काम आसान और तेज हो सके.

Renu chouhan
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