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Free Wi-Fi Fraud: सरकार ने जारी की चेतावनी, जानिए कैसे करें खुद को डिजिटल स्कैम से सुरक्षित

अधिकतर जगहों पर वाई-फाई से जुड़ने के लिए सिर्फ एक साधारण पासवर्ड की जरूरत होती है, जबकि कई जगह तो बिना पासवर्ड के ही नेटवर्क एक्सेस मिल जाता है. यही सुविधा लोगों को आकर्षित करती है, लेकिन यही सुविधा खतरे की वजह भी बन सकती है.

Published by Renu chouhan

फ्री पब्लिक वाई-फाई एक ऐसी इंटरनेट सेवा है, जो बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, रेस्टोरेंट, कैफे, मॉल या लाइब्रेरी जैसे सार्वजनिक स्थानों पर उपलब्ध होती है. इसका मतलब है कि आप बिना मोबाइल डेटा खर्च किए अपने फोन, लैपटॉप या टैबलेट से इंटरनेट चला सकते हैं. अधिकतर जगहों पर वाई-फाई से जुड़ने के लिए सिर्फ एक साधारण पासवर्ड की जरूरत होती है, जबकि कई जगह तो बिना पासवर्ड के ही नेटवर्क एक्सेस मिल जाता है. यही सुविधा लोगों को आकर्षित करती है, लेकिन यही सुविधा खतरे की वजह भी बन सकती है.

फ्री वाई-फाई इस्तेमाल करना क्यों खतरनाक है?
फ्री वाई-फाई की सबसे बड़ी समस्या है सुरक्षा की कमी (lack of security). चूंकि ये नेटवर्क किसी भी व्यक्ति के लिए खुले रहते हैं, इसलिए हैकर्स के लिए यह आसान मौका बन जाता है. वे इन नेटवर्क्स के जरिए आपके फोन या लैपटॉप में घुसकर आपकी निजी जानकारी चुरा सकते हैं, जैसे –

* बैंक डिटेल्स
* ईमेल या पासवर्ड
* सोशल मीडिया अकाउंट्स
* और यहां तक कि आपके कार्ड की जानकारी

सरकारी साइबर एजेंसी (Cybersecurity Agency) और UGC (University Grants Commission) ने चेतावनी दी है कि खासकर त्योहारों के समय, जब लोग मॉल या ट्रांजिट हब में वाई-फाई का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तब ऐसे हमलों का खतरा और बढ़ जाता है.

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सरकार की चेतावनी क्या कहती है?
सरकार ने साफ कहा है कि लोग पब्लिक वाई-फाई का उपयोग करते समय सावधानी बरतें. UGC ने छात्रों को भी निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी सार्वजनिक नेटवर्क से अपने पर्सनल या ऑफिस अकाउंट्स में लॉगिन न करें. ऐसा करने से उनकी डिजिटल सिक्योरिटी खतरे में पड़ सकती है. कई बार फ्री वाई-फाई नेटवर्क्स पर हैकर्स नकली हॉटस्पॉट (Fake Hotspots) बनाकर बैठ जाते हैं. जब यूज़र इनसे जुड़ते हैं, तो उनके डिवाइस में मालवेयर या ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो जाता है.

फ्री वाई-फाई से जुड़े खतरे
1. डेटा चोरी (Data Theft): आपकी फाइलें, फोटो, ईमेल या बैंकिंग डिटेल्स हैक हो सकती हैं.
2. मालवेयर इंस्टॉल होना: हैकर्स वायरस डाल सकते हैं जो आपके फोन या लैपटॉप को खराब कर देते हैं.
3. फेक लॉगिन पेज: कभी-कभी असली वेबसाइट की कॉपी बनाकर यूजर से पासवर्ड चोरी किए जाते हैं.
4. आईडेंटिटी थेफ्ट: आपकी पहचान का गलत इस्तेमाल कर फेक अकाउंट या ट्रांजैक्शन किए जा सकते हैं.

खुद को कैसे बचाएं?
1. पब्लिक वाई-फाई से बचें: अगर जरूरी न हो तो कभी भी फ्री नेटवर्क से कनेक्ट न करें.
2. सीमित ऐप्स का इस्तेमाल करें: अगर जुड़ना ही पड़े, तो बैंकिंग, पेमेंट या सोशल मीडिया ऐप्स न खोलें.
3. VPN का इस्तेमाल करें: Virtual Private Network आपके डेटा को एन्क्रिप्ट करता है ताकि कोई उसे पढ़ न सके.
4. नेटवर्क नाम चेक करें: किसी भी अनजान नेटवर्क से कनेक्ट करने से पहले उसका नाम और वैधता जांचें.
5. ऑटो-कनेक्ट बंद करें: अपने फोन की वाई-फाई सेटिंग्स में ऑटो-कनेक्ट फीचर ऑफ रखें.
6. अपडेट रखें: अपने डिवाइस का सॉफ्टवेयर और एंटीवायरस हमेशा अपडेट रखें.

Renu chouhan
Published by Renu chouhan

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