Bengaluru Stampede Case: 4 जून को बेंगलुरु में RCB के विक्ट्री परेड के दौरान हुई भगदड़ और 11 लोगों की मौत के तीन महिने के बाद RCB ने चुप्पी तोड़ी है। सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट लिखा है। जिसमें उन्होने बताया है कि 3 जून को वो कितने खूश थे। लेकिन 4 जून के हादसे ने सबकुछ बदल दिया।
सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
आरसीबी ने इंस्टा पर पोस्ट कर लिखा कि ” हमारा शांत रहना अनुपस्थिति नहीं बल्कि दुख था।यह जगह कभी ऊर्जा, यादों और उन पलों से भरी हुई थी जिनका आपने सबसे ज़्यादा आनंद लिया था, लेकिन 4 जून ने सब कुछ बदल दिया। उस दिन ने हमारा दिल तोड़ दिया, और तब से यही खामोशी हमारे लिए जगह बनाने का तरीका बन गई है। उस खामोशी में, हम शोक मना रहे हैं। सुन रहे हैं। सीख रहे हैं। और धीरे-धीरे, हमने सिर्फ़ एक प्रतिक्रिया से बढ़कर कुछ बनाना शुरू कर दिया है। कुछ ऐसा जिस पर हम सचमुच विश्वास करते हैं। इस तरह 𝗥𝗖𝗕 𝗖𝗔𝗥𝗘𝗦 अस्तित्व में आया। यह सम्मान देने, मरहम लगाने और अपने प्रशंसकों के साथ खड़े होने की ज़रूरत से पैदा हुआ। हमारे समुदाय और प्रशंसकों द्वारा गढ़ा गया सार्थक कार्रवाई का एक मंच। हम आज इस जगह पर वापस आ रहे हैं, जश्न मनाने के लिए नहीं, बल्कि देखभाल के साथ। साझा करने के लिए। आपके साथ खड़े होने के लिए। साथ मिलकर आगे बढ़ने के लिए। कर्नाटक का गौरव बने रहने के लिए। 𝗥𝗖𝗕 𝗖𝗔𝗥𝗘𝗦 और हम हमेशा ऐसा ही करेंगे।
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मृतकों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा
बता दें कि 4 जून को हुई भगदड़ के बाद आरसीबी ने मृतकों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया था। आरसीबी ने 17 साल बाद 3 जून को अहमदाबाद पंजाब किंग्स को हराकर आईपीएल का खिताब अपने नाम किया था। अगले दिन 4 जून को आरसीबी की टीम अपने शहर बेंगलुरु लौट आई। इस दौरान एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में विजय परेड का आयोजन किया गया। इसी दौरान स्टेडियम के बाहर भारी संख्या में लोगों के जमा होने के कारण भगदड़ मच गई, जिसके कारण 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 50 लोग घायल हो गए। इस मामले में कर्नाटक सरकार ने जुलाई में आरसीबी पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी।

