Women’s Chess World Cup Final: ऑल इंडिया फ़ाइनल में, 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने कोनेरू हम्पी को हराकर FIDE महिला विश्व कप का ख़िताब जीत लिया। इसके साथ ही, वह भारत की 88वीं ग्रैंड मास्टर बन गई हैं। शतरंज की बिसात पर कोनेरू का अनुभव इस युवा खिलाड़ी के काम नहीं आया। दो मैच ड्रॉ होने के बाद, वह टाई-ब्रेकर में जीत हासिल करने में सफल रहीं।
वह ग्रैंडमास्टर का ख़िताब हासिल करने वाली केवल चौथी भारतीय महिला शतरंज खिलाड़ी हैं। 15वीं वरीयता प्राप्त दिव्या के लिए, इस टूर्नामेंट में उतरी दिव्या के लिए यह सफ़र किसी सुनहरे यादगार पल से कम नहीं रहा। इस दरम्यान, उन्होंने दुनिया की शीर्ष खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा की और उन्हें पराजित भी किया। इस मौके पर उन्होंने परिपक्वता, मानसिक सतर्कता और अपनी बेहतरीन तैयारी का परिचय दिया और ख़िताब अपने नाम किया।
कोनेरू हम्पी को हराकर अपना सपना पूरा किया
रैपिड टाई-ब्रेकर में काले मोहरों से खेल रही दिव्या ने टूर्नामेंट की शीर्ष वरीयता प्राप्त और विश्व रैपिड चैंपियन हम्पी के ख़िलाफ़ शानदार खेल दिखाया और जीत हासिल करके अपना सपना पूरा किया। इसके साथ ही, उन्होंने ग्रैंड मास्टर बनने के मानदंड पूरे कर लिए। यह जीत एक 19 वर्षीय खिलाड़ी के लिए बहुत बड़ी बात है, जो इस टूर्नामेंट में एक अंडरडॉग के रूप में प्रवेश किया था।
गृहमंत्री अमित साह ने दी बधाई
दिव्या देशमुख के वर्ल्ड चैम्पियन बनने के बाद बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया है। इस क्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित साह ने बधाई देते हुए एक्स पर लिखा ‘भारत के लिए खुशी की बात! @DivyaDeshmukh05 को FIDE महिला विश्व कप फ़ाइनल जीतने और ग्रैंडमास्टर बनने की अद्भुत उपलब्धि हासिल करने पर बधाई। आपकी दृढ़ता और सजगता ने आपको सचमुच यह ताज दिलाया है।साथ ही,@humpy_koneru को टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई। आप दोनों को भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएँ!’

