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श्रीगणेश की मूर्ति ऑफिस में रखते समय भूलकर भी ना करें ये 5 गलतियां, वरना नहीं मिलेगी कृपा

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी 2025 का शुभ उत्सव 27 अगस्त से शुरू हो रहा है। इस दौरान घरों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ ऑफिसों और कार्यस्थलों पर भी गणपति बप्पा की स्थापना की जाती है।

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी 2025 का शुभ उत्सव 27 अगस्त से शुरू हो रहा है। इस दौरान घरों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ ऑफिसों और कार्यस्थलों पर भी गणपति बप्पा की स्थापना की जाती है। ऑफिस में गणेश प्रतिमा स्थापित करने का उद्देश्य कामकाज में सफलता, तरक्की और धन-समृद्धि पाना होता है। भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना गया है, इसलिए हर शुभ काम की शुरुआत उनकी पूजा से करना मंगलकारी होता है। ऑफिस में बप्पा की मूर्ति स्थापित करने से कामकाज में रुकावटें दूर होती हैं और निरंतर प्रगति मिलती है।

गणेश प्रतिमा का रंग और स्वरूप

ऑफिस में गणेश प्रतिमा चुनते समय रंग और स्वरूप का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पीले, सुनहरे और लाल रंग की गणेश प्रतिमा शुभ मानी जाती है। ये रंग ऊर्जा, समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक होते हैं। वहीं, काले और नीले रंग की मूर्ति रखना अशुभ माना गया है और यह नुकसानदेह हो सकता है। कार्यस्थल पर हमेशा खड़ी हुई गणेश प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए क्योंकि यह निरंतर प्रगति और तेजी से कार्य पूरे होने का संकेत देती है। मूर्ति का आकार बहुत बड़ा न हो और गणेश जी की सूंड बाईं ओर मुड़ी हुई हो, क्योंकि दाहिनी ओर की सूंड वाली मूर्ति की पूजा के लिए कठोर अनुष्ठानों की आवश्यकता होती है, जो ऑफिस माहौल में संभव नहीं है।

मूर्ति की सही दिशा और स्थान

गणेश जी की प्रतिमा हमेशा ईशान कोण, उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में स्थापित करनी चाहिए। इन दिशाओं में मूर्ति रखने से ऑफिस में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और करियर तथा बिज़नेस में तरक्की मिलती है। ध्यान रहे कि मूर्ति का मुख कभी भी दक्षिण दिशा की ओर न हो, क्योंकि इससे कामकाज में बाधा आ सकती है। इसके अलावा मूर्ति को शौचालय के पास या ऐसी जगह पर न रखें जहाँ लगातार लोगों की आवाजाही हो। जिस स्थान पर मूर्ति रखी जाए, वह साफ-सुथरा और पवित्र होना चाहिए। आसपास जूते-चप्पल, डस्टबिन या झाड़ू जैसी वस्तुएं न रखें।

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पूजा-अर्चना और विसर्जन के नियम

ऑफिस में गणेश प्रतिमा स्थापित करने के बाद नियमित रूप से पूजा और आरती करना अनिवार्य है। प्रतिमा की सुबह-शाम आरती होनी चाहिए और बप्पा को भोग लगाना चाहिए। पूजा के बिना प्रतिमा स्थापित करने से शुभ फल प्राप्त नहीं होते। इसके अलावा, मूर्ति स्थापना के बाद उसे तभी हटाना चाहिए जब विधिवत विसर्जन का समय आए। मूर्ति विसर्जन हमेशा नियमों और परंपराओं का पालन करते हुए करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान गणेश की कृपा बनी रहती है और कार्यस्थल पर सुख-समृद्धि का वास होता है।

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Shivashakti Narayan Singh

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