Home > धर्म > Pitru Paksha 2025 : भूलकर भी ना करें पितृ पक्ष में ये काम…बरतनी पड़ेगी सावधानी नहीं तो भुगतने होंगे बुरे परिणाम!

Pitru Paksha 2025 : भूलकर भी ना करें पितृ पक्ष में ये काम…बरतनी पड़ेगी सावधानी नहीं तो भुगतने होंगे बुरे परिणाम!

Pitru Paksha 2025 Kab Se Hai: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का खास महत्व होता है। इस दौरान पूर्वजों को याद कर श्राद् और तर्पण किया जाता है। कुछ काम है जो इस दौरान बिलकुल नहीं करने चाहिए। आईए बताते हैं क्या-क्या इस दौरान नहीं करना चाहिए?

By: Preeti Rajput | Published: August 21, 2025 2:48:12 PM IST



Pitru Paksha 2025 Kab Se Hai: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का काफी ज्यादा महत्व होता है। मान्यता के अनुसार, इस दौरान सभी लोग अपने पूर्वजों को याद कर श्राद्ध, तर्पण और दान करते हैं। ताकि अपनों की आत्मा तृप्त और मोक्ष की प्राप्ति कर सकें। यह हर साल किया जाता है ताकि परिवार पर पितरों का आशीर्वाद बने रहे। इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर से होने वाली है। 

पितृ पक्ष की तारीख

पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 से होने वाली है। यह 15 दिनों तक चलने वाली अवधि है। मान्यता है कि इन 15 दिनों में पितर धरती पर आने हैं और अपनों द्वारा किए गए श्राद्ध व तर्पण को स्वीकार करते हैं। साथ ही परिवार पर अपना आशिर्वाद बनाकर रखते हैं। 

इस दौरान पालन करने योग्य नियम

पितृ पक्ष के दौरान कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी माना गया है। इस दौरान दान-पुण्य का खास महत्व होता है। साथ ही ज़रूरतमंदों और ब्राह्मणों को दान करना काफी शुभ होता है। इस दौरान तामसिक भोजन, मांस और मदिरा का सेवन वर्जित होता है। श्रद्धालु इस दौरान सात्विक आहार ही लेते हैं। इस दौरान किसी को कष्ट पहुंचाना अशुभ और अपमान माना जाता है। इस दौरान आपको सभी नियमों का पालन करना जरूरी होता है। नहीं तो बुरे प्रभाव पड़ सकते है और आपकों पाप भी लग सकता है। 

ब्राह्मण भोजन का महत्व 

पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन आवश्यक रूप से कराया जाता है। इस दौरान भोजन कराने की परंपरा का बहुत महत्व होता है। इस दौरान लोग उन्हें आदरपूर्वक अपने घर बुलाकर भोजन कराते हैं। साथ ही सम्मानस्वरूप दक्षिणा भी देते हैं। यह कार्य पितरों की आत्मा को प्रसन्न और मुक्ति के लिए माना जाता है। 
पिंडदान का महत्व  
श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान का हिंदू धर्म में काफी ज्यादा महत्व है। मान्यता है कि इन कर्मों से पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है। साथ ही पितर अपने वंशजों को आशीर्वाद देने के लिए इस दौरान धरती पर आते हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस समय के दौरान अपने पाप और भूल-चूक के लिए पितरों से क्षमा याचना भी कर सकते हैं। 
 
पशु-पक्षियों को भोजन 
पितृ पक्ष में पशु-पक्षियों को भोजन खिलाना भी शुभ माना जाता है। खास तौर पर  गाय और कौए को भोजन कराने से पितर तृप्त हो जाते हैं।  
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इन खबर इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है। 

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