Vastu Tips: वास्तु के नियमों का पालन करना हर किसी के लिए महत्वपूर्ण होता है. घर में किसी भी प्रकार का वास्तु दोष जीवन में समस्याएं, दिक्कतें, आर्थिक तंगी, मुश्किलें लेकर आता है. किसी हर किसी को इस बात की कोशिश करनी चाहिए कि वास्तु के नियमों का पालन हो और अगर वास्तु दोष है तो उसके लिए उपाय किए जाए.
कहां होता है घर का ब्रह्मस्थान?
घर का ब्रह्मस्थान घर का प्रमुख स्थान होता है. ब्रह्मस्थान घर के ठीक बीच में होता है. जिसे पहले आंगन कहा जाता था. यह स्थान घर में ऊर्जा के प्रवाह (Positive Energy) के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इसीलिए घर का ब्रह्मस्थान कभी भी भरा हुआ नहीं होना चाहिए.
- इसे खाली, हल्का और साफ़-सुथरा रखना चाहिए. घर के ब्रह्मस्थान में भारी फर्नीचर रखना शुभ नहीं होता है. इसीलिए इस सब चीजों से बचना चाहिए. घर के आंगन या ब्रह्मस्थान को कोशिश करें और खाली रखें.
- घर के आंगन या ब्रह्मस्थान से एनर्जी घर के बाकि हिस्सों में प्रवाह करती है. इसीलिए घर के इस स्थान पर भारी फर्नीचर, कूड़ेदान या झाड़ू-पोछा जैसी चीजें भी यहां नहीं रखनी चाहिए.
- पहले के समय में घर के आंगन या ब्रह्मस्थान पर तुलसी का पौधा लगाया जाता था. तुलसी को जीवित देवी कहा जाता है. जिस घर में तुलसी का वास होता है उस घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. इसीलिए तुलसी का पौधा या पेड़ हमेशा घर के आंगन या ब्रह्मस्थान पर लगाया जाता था, जिससे वहां से पॉजीटिव एनर्जी बाकि जगह भी फैले.
- घर का ब्रह्मस्थान घर के लोगों से जुड़ा होता है.इस जहां की ऊर्जा घर के लोगों का स्वास्थ्य, समृद्धि और धन से जुड़ी होती है.
- घर का ब्रह्मस्थान हमेशा खुला होना चाहिए. ऐसा इसीलिए कहा जाता है क्योंकि घर के ब्रह्मस्थान पर 5 तत्वों का मिलन होता है, जहां से पॉजीटिव एनर्जी का संचार होता है. इसीलिए पहले के समय में घरों में बड़े-बड़े आंगन होते थे.
घर के ब्रह्मस्थान पर फर्नीचर रखने का प्रभाव
- अगर आप घर के ब्रह्मस्थान पर भारी फर्नीचर रखते हैं तो यहां से नेगेटिव एनर्जी आती है. साथ ही घर के लोगों में किसी ना किसी प्रकार की दिक्कतें चलती रहती है. जैसे बिमारी,आर्थिक तंगी, रिश्तों में अनबन.
- इसीलिए घर के ब्रह्मस्थान यानि के दिल में बहुत ज्यादा बोझ ना रखें, वरना घर में रहने वाले लोगों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है.

