Shardiya Navratri 2025 kalash Sthapana: नवरात्रि के दौरान कलश पर नारियल रखना हिंदू धर्म में एक अत्यंत पूजनीय अनुष्ठान है. ये पवित्रता और सुख-समृद्धि का प्रतीक है. शास्त्रों के अनुसार अगर कलश स्थापना की जाए और भक्तों को आध्यात्मिक लाभ, सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद मिलता है. हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का खास महत्व है. इस दिन मां दुर्गा की उपासना की जाती है. इस दौरान घर-घर में कलश स्थापना करना देवी मां को आमंत्रित किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार, कलश ब्रह्मंड का प्रतीक है और उसके ऊपर नारियल रखना समृद्धि, शक्ति का प्रतीक है.
नारियल रखने का महत्व
नारियल को ‘श्रीफल’ भी कहा जाता है. इसे माता को अर्पित करने से जीवन में सौभाग्य और सुख-समृद्धि का वास होता है. कलश पर रखें नारियल देवी के सिर का प्रतीक माना जाता है.
कलश पर नारियल रखने के नियम
साफ और अखंड नारियल का प्रयोग करें: टूटा, फूटा या जला हुआ नारियल माता को अर्पित नहीं करना चाहिए.
लाल या पीले कपड़े में नारियल लपेटें: नारियल को स्वच्छ कपड़े में लपेटकर उस पर मौली (लाल धागा) बांधे
कलश में गंगाजल भरें: गंगाजल या शुद्ध जल में सुपारी, अक्षत (चावल), सिक्का और पंचरत्न डालकर ही नारियल को स्थापित करें
आम या अशोक के पत्तों का प्रयोग करें: नारियल रखने से पहले कलश के मुंह पर पांच या सात पत्ते सजाना बहुत शुभ माना जाता है.
दिशा का रखें ध्यान: कलश को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखकर ही नारियल को स्थापित करें.
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नारियल की स्थापना कैसे करें?
सबसे पहले घर के मंदिर को शुद्ध कर लें. स्वच्छ आसन बिछाकर मिट्टी या धातु का कलश रखें. उसमें जल भरकर सुपारी, चावल और सिक्का डालें. कलश के ऊपर आम के पत्ते लगाकर नारियल के कपड़े या मौली को लपेटकर स्थापित करें. अंत में मां देवी से प्रार्थना करें. ये परंपरा नौ देवियों के आगमन का प्रतीक है.

