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Shardiya Navratri Day 5 27 September 2025: नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कंदमाता को समर्पित, जानें पूजा विधि, भोग और मंत्र

Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का त्योहार 22 सितंबर से हो गया है. आज 26 सितंबर का दिन माता रानी के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता को समर्पित है. मां स्कंदमाता की पूजा करने से आपके मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और आपके सभी कष्टों का निवारण भी होता है. तो आइए जानते हैं कि मां स्कंदमाता का आशीर्वाद पाने के लिए आपको किस तरह उनकी पूजा करनी चाहिए.

Published by Shivi Bajpai

Shardiya Navratri 2025 Maa Skandmata: शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन देवी दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता को समर्पित होता है. इनका नाम स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण पड़ा. शास्त्रों में वर्णन है कि मां स्कंदमाता भक्तों को संतान सुख, आरोग्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. मां की आराधना से बुद्धि, विवेक और धर्म की वृद्धि होती है. इस साल पंचमी तिथि 27 सितंबर को है इसलिए मां स्कंदमाता की पूजा इस दिन होगी.  क्योंकि इस बार तृतीया तिथि दो दिन यानी कि 24 और 25 सितंबर को मनाई गई थी तभी आज 26 सितंबर को चतुर्थी तिथि के रूप में मनाया जाएगा और मां कूष्मांडा की पूजा की जाएगी.

मां स्कंदमाता का स्वरूप

मां स्कंदमाता का स्वरूप अत्यंत दिव्य और शांतिपूर्ण है. वे सिंह पर सवार रहती हैं और गोद में पुत्र स्कंद (कार्तिकेय) को धारण किए होती हैं. इनके चार हाथ होते हैं—दो हाथों में कमल पुष्प, एक हाथ से आशीर्वाद देती हैं और एक हाथ में बालक स्कंद को थामे रहती हैं. इनका रूप कमल पर विराजमान होने के कारण पद्मासिनी भी कहलाता है.

पूजा विधि

प्रातः स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें.

मां स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें और उन पर पुष्प, अक्षत, रोली और चंदन अर्पित करें.

धूप-दीप जलाकर विधिवत मां की आराधना करें.

कमल का फूल विशेष रूप से मां को अर्पित करना शुभ माना जाता है.

पांचवें दिन संतान सुख की कामना से व्रती विशेष श्रद्धा से मां की पूजा करते हैं.

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भोग

मां स्कंदमाता को केला अत्यंत प्रिय है. इस दिन व्रती मां को केले का भोग लगाते हैं और प्रसाद स्वरूप इसे परिवार के सभी सदस्यों को बांटते हैं. यह भोग संतान की उन्नति और घर में सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है.

मां स्कंदमाता का मंत्र

मां की कृपा प्राप्त करने हेतु भक्तों को निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए—

“ॐ देवी स्कंदमातायै नमः॥”

इस मंत्र का जप श्रद्धा और भक्ति भाव से करने पर जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी कष्ट दूर होते हैं.

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महत्व

मां स्कंदमाता की पूजा से भक्त को सांसारिक सुखों के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त होता है. माना जाता है कि उनकी आराधना करने से घर में शांति, संतान की रक्षा और परिवार की उन्नति होती है.

नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कंदमाता की भक्ति में समर्पित होता है. इस दिन यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा की जाए तो भक्त को संतान सुख, समृद्धि और ईश्वर की कृपा का अनुभव होता है. मां स्कंदमाता की आराधना आत्मबल और आंतरिक शांति प्रदान करती है.

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Shivi Bajpai

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