Diwali Celebration in Ayodhya: राम मंदिर में दीपोत्सव के लिए आवश्यक सामग्री लाई गई हैं. बताया जा रहा है कि राम दरबार सहित परकोटे के सभी छह मंदिरों और शेषावतार मंदिर और कुबेर टीला के मंदिरों में घी के दीपक जलाएं जाएंगे. इसके अलावा मोम के यह कम से कम 51 हजार दीपक जलाएं जाने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा राम मंदिर के प्रवेश द्वार में भी कई सारे दीपक जलाएं जाने वाले हैं.
कब होगा राम मंदिर में दीपोत्सव? जानें यहां
राम मंदिर में दीपोत्सव का शुभारंभ हनुमान जी की जयंती के साथ रविवार को होगा. इसके बाद अस्थाई रूप से विराजमान रामलला के अस्थाई मंदिर में स्थापित हनुमान जी के श्रीविग्रह को यज्ञशाला में रखा जाएगा फिर पूजा-पाठ संपन्न किया जाएगा.
राम मंदिर में हनुमान जयंती गोधूलि बेला में मनाई जाएगी. इसी के साथ परिवार दीपक से सजाया जाएगा. इसके अलावा धनतेरस के अवसर पर शनिवार को राम मंदिर की यज्ञशाला में महालक्ष्मी जी का पूजन किया जाएगा. इस अनुष्ठान की पूर्णाहुति दीपावली पर होगी. दीपोत्सव की तैयारी शनिवार से ही यहां शुरू हो जाएगी.
अयोध्या में होगा भव्य दीपोत्सव
अयोध्या में इस वर्ष दीपोत्सव का आयोजन पहले से कहीं अधिक भव्य और तकनीकी रूप से उन्नत होने जा रहा है. इस बार हाई-टेक सॉफ्टवेयर, ड्रोन और डिजिटल अकाउंटिंग सिस्टम के ज़रिए हर एक दीपक की गिनती की जाएगी, ताकि कुल जलाए गए दीपों का सटीक और प्रमाणिक आंकड़ा सामने आ सके. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम के सदस्य निश्चल ने जानकारी दी कि पिछले वर्ष लगभग 25 लाख 12 हजार दीपक जलाए गए थे, जबकि इस बार लक्ष्य है 26 लाख 11 हजार 101 दीपों का. इसके साथ ही राम की पैड़ी के तटों पर करीब 29 लाख दीपक बिछाए जाएंगे, जिससे पूरा अयोध्या नगरी दीपों के सागर में परिवर्तित हो जाएगी.
2100 लोग करेंगे सरयू की महाआरती
दीपोत्सव का आकर्षण सिर्फ दीपों की संख्या तक सीमित नहीं रहेगा. इस बार सरयू नदी की भव्य महाआरती भी इतिहास रचने जा रही है. 2100 लोग एक साथ सरयू आरती करेंगे, और इसे भी गिनीज रिकॉर्ड में दर्ज कराने की तैयारी चल रही है.
इस पूरे आयोजन के लिए 190 लोगों की टीम लगातार दिन-रात मेहनत कर रही है. कार्यक्रम की तैयारी को सुचारू रूप से जांचने के लिए ड्राई रन आयोजित किया गया है. इस ड्राई रन में एक विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है जो प्रत्येक मूवमेंट, दीपों की संख्या और स्थान की सटीक निगरानी करेगा.
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तीन स्तर की तकनीक से होगा रिकॉर्ड सत्यापन
निश्चल के अनुसार, इस वर्ष रिकॉर्ड प्रक्रिया को पूर्णतः पारदर्शी और तकनीकी रूप से सटीक बनाने के लिए तीन तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है:
- ड्राई रन सिस्टम: तैयारी और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए.
- ड्रोन मॉनिटरिंग: ऊपर से हर दीपक की गिनती और व्यवस्था की निगरानी के लिए.
- डिजिटल अकाउंटिंग: वास्तविक संख्या को डिजिटल माध्यम से सुरक्षित और प्रमाणिक रूप से दर्ज करने के लिए.
इस बार का दीपोत्सव केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और तकनीक का संगम बनने जा रहा है. अयोध्या नगरी एक बार फिर दुनिया के सामने रोशनी, संस्कृति और एकता का प्रतीक बनकर नया विश्व रिकॉर्ड रचने की दिशा में अग्रसर है.

