Shri Kalahasti Temple: जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु दोष बना हुआ है या फिर इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव से वे लगातार परेशानियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें विशेष उपाय करना चाहिए। राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से जीवन में तरह-तरह की बाधाएँ आने लगती हैं। काम अक्सर अंतिम समय पर बिगड़ जाते हैं, मानसिक तनाव बढ़ता है और आर्थिक तंगी भी बनी रहती है। इतना ही नहीं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं लगातार परेशान करती हैं और घर-परिवार की शांति भी प्रभावित होती है।
दर्शन मात्र से खत्म हो सकता है राहु-केतु का दोष
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि राहु और केतु का दोष जब कुंडली में बढ़ जाता है तो कालसर्प दोष का निर्माण करता है, जिसके कारण जातक के जीवन में अनेक कठिनाइयाँ खड़ी हो जाती हैं। ऐसे में आंध्रप्रदेश स्थित श्री कालहस्ती मंदिर में जाकर विशेष पूजा-अर्चना करने से राहु-केतु दोष के दुष्प्रभाव को दूर किया जा सकता है और जीवन में शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
राहु-केतु दोष से मुक्ति पाने का सबसे प्रभावी उपाय आंध्रप्रदेश स्थित श्री कालहस्ती मंदिर की यात्रा मानी जाती है। भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन मंदिर इतना शक्तिशाली है कि मात्र दर्शन करने से ही राहु-केतु दोष के कष्ट कम हो जाते हैं। यहाँ विशेष रूप से राहु-केतु दोष निवारण की पूजा भी कराई जाती है। इस मंदिर की अनोखी विशेषताओं को जानने के बाद सहज ही कहा जा सकता है कि यह वास्तव में एक अद्भुत और दिव्य धाम है।
श्रीकालहस्ती मंदिर के बारे में (Shri Kalahasti Temple)
श्रीकालहस्ती मंदिर आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले में, स्वर्णमुखी नदी के तट पर स्थित एक अत्यंत प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर है। यह मंदिर दक्षिण भारत के पंचतत्व लिंगों में से वायु तत्त्व लिंग के रूप में माना जाता है। यहां विशेष बात यह है कि स्वयं वायु लिंग का स्पर्श करना पूरी तरह वर्जित है, यहां तक कि पुजारी भी इसे नहीं छूते। पूजा-अर्चना की परंपरा के अनुसार शिवलिंग के समीप रखी गई स्वर्ण पट्ट पर ही फूल और पूजन सामग्री अर्पित की जाती है। यहां स्थापित शिवलिंग लगभग 4 फीट ऊंचा बताया जाता है।
मंदिर का शिखर विशुद्ध दक्षिण भारतीय स्थापत्य शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। धार्मिक मान्यता है कि अर्जुन ने इसी पावन स्थल पर भगवान कालहस्तीश्वर के दर्शन प्राप्त किए थे। आस्था और श्रद्धा का केंद्र यह मंदिर न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी समृद्ध है। बताया जाता है कि श्रीकालहस्ती मंदिर प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपये से अधिक की आय अर्जित करता है।
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