Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज, एक हिंदू तपस्वी और गुरु हैं, जो राधावल्लभ संप्रदाय को मानते हैं. प्रेमानंद जी महाराज अपनी भक्ति, सरल जीवन, और मधुर कथाओं के लिए लोगों में काफी प्रसिद्ध हैं. हर रोज लोग उनके कार्यक्रम में शामिल होते हैं जहां वह लोगों के सवालों के जवाब देते हैं.हजारों लोगों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन देते हैं. उनके प्रवचन, जो दिल को छू जाते हैं, ने उन्हें बच्चों और युवाओं सहित विभिन्न आयु वर्ग के लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया है. प्रेमानंद जी महाराज नाम जप करने के लिए के लिए लोगों को प्रेरित करते हैं और साफ मन से अपने काम को करें और सच्चा भाव रखें.
भक्त के सवाल पर प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि बिना किसी भाव के नाम जप का प्रभाव कैसे मिलेगा, जानें
जब पाप नष्ट हो जाएगे. लाभ का स्वरूप आनंद है. जब तक हमारे पाप बंधे रहते हैं तब तक जीवन में कलेश और जलन रहती है अशांति रहती है. भाव ना होने पर भी नाम अपना प्रभआव दिखाकर रहता है. जैसे अग्नि में दाहिका शक्ति है आप श्रृद्धा से छुओ तो जला देगी, अश्रृद्धा से भूल से तो भी जला देगी. जहर पर मरने की शक्ति ह, भाव से पियो तो मरोगे बिना भाव के पिओ तो भी मरोगे, क्योंकि उसके मारण शक्ति है. ऐसे ही आनंद करने की शक्ति है. भगवान को अधीन करने की शक्ति है, बहुत सी शक्तियां नाम में विराजमान हैं.
“भाव कुभाव अनख आलस हूँ। नाम जपत मंगल दिसि दसहू॥”
अर्थात् दसों दिशाओं में उसका मंगल हो जाएगा चाहे भाव से नाम जप करें .चाहे बिना भाव के नाम जप करें. इतना जप करें की पहले उसके पाप नष्ट हो, कुविचार नष्ट हो. तब अच्छे विचार उसके अंदर आ जाएगा. इसके लिए लंबे समय लगेगा.
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