Shradh Bhojan Rules: सितंबर के महीने में पितृ पक्ष (Pitra Paksh) की शुरूआत होती है। इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर से 21 सितंबर तक रहने वाला है। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध कर्म (Shradh) करते हैं। इस दिन लोग अपने पूर्वजों का पसंदीदा खाना बनाते हैं। पितृ पक्ष 15 दिनों तक चलता है। यह भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन अमावस्या मनाया जाता है। इस अवधि के दौरान मुख्य रूप से पूर्वजों की आत्मशांति के लिए पूजा की जाती है। पितृ पक्ष में पिंडदान, तर्पण, पूजा-पाठ, धूप दान और दान-दक्षिणाएं जैसे कार्य करना शुभ माना जाता है।
पिंडदान के लिए ना बनाएं ये दो सब्जियां
पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध कर्म के साथ ब्राह्मण भोजन कराना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही उनकी आत्मा तृप्त हो जाती है। यह पिंडदान हर साल किया जाता है। इस पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों अपने परिवार को आशिर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं। पिंडदान के लिए सभी पितरों का पसंदीदा खाना बनाते हैं।
लेकिन आपकों इस दौरान पिंडदान के लिए दो सब्जियां भूलकर भी नहीं बनानी चाहिए। क्योंकि यह दो सब्जियां बनाने से पूर्वज भूखे पेट वापस लौट जाते हैं। इनमें पत्ता गोभी और कुम्हड़ा की सब्जी शामिल होगा। मान्यता है कि इस शब्जी को ना तो ब्राह्मण को खिलाना चाहिए और ना ही पितर ये सब्जियां ग्रहण करते हैं। कहते हैं कि ऐसे में पितर अतृप्त होकर लौट जाते हैं। ऐसे में परिवार के लोगों को दोष भी लग सकता है।
कभी भी ना करें ये भूल
पितृ पक्ष अश्विन माह में मनाया जाता है। इस महीने में गाजर, शलजम, चुकंदर, अरबी, सूरन जैसी सब्जियों से दूर रहना चाहिए। इसके साथ ही सत्तू, मसूर और उड़द की दाल भी पितर के खाने के लिए नहीं बनाना चाहिए। प्याज और लहसुन का भी खाने में इस्तेमाल नहीं करें। स्वच्छता से भोजन बनाएं, खासकर स्नान कर के भोजन को हाथ लगाएं।
Anjali Raghav ने लगाया पावर स्टार Pawan Singh पर गलत तरीके से छूने का आरोप, छोड़ी भोजपूरी इंडस्ट्री

