Shardiya Navratri Hawan 2025: पूरे देशभर में नवरात्रि की धूम देखने को मिल रहा है. लोग मां की भक्ति में लीन हैं. गरबा और डांडिया का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बता दें कि हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. यह पर्व देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की भक्ति और आराधना को समर्पित होता है. नवरात्रि के नौ दिनों में हर दिन माता के एक अलग रूप की पूजा की जाती है, जिससे भक्तों को मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
इस साल महानवमी (Mahanavami) का पर्व बुधवार (1 अक्टूबर 2025) को मनाया जाएगा.नवमी के दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन हवन और कन्या पूजन (Kanya Pujan) का विशेष महत्व होता है. खासकर अष्टमी और नवमी पर विधिपूर्वक हवन करने से देवी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण करती हैं.
महानवमी को पूजा, हवन और कन्या पूजन करते समय विशेष मंत्रों और विधियों का पालन करना चाहिए, जिससे पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त हो सके. आइए जानते हैं नवमी की पूजा से जुड़ी विधि और उपयोग किए जाने वाले मंत्र।
नवमी पूजा मुहूर्त 2025 (Navami Puja Muhurat 2025)
बता दें कि महानवमी बुधवार (1 अक्टूबर 2025) को देश भर में मनाया जा रहा है. नवमी तिथि 30 सितम्बर 2025 से शाम 06:07 बजे से प्रारम्भ होकर 1 अक्टूबर 2025 को शाम 07:02 बजे समाप्त होगा.
नवमी हवन सामग्री सूची (navami havan samagri list)
महानवमी में हवन करने के लिए कई तरह की सामग्री की आवश्यकता होती है. जो इस प्रकार हैं.
- हवन कुंड
- आम की लकड़ी
- शुद्ध देसी घी
- पान के पत्ते
- सुपारी सूखे नारियल
- कपूर
- लाल कपड़ा
- गंगाजल
- चरणामृत
- कलावा
- आम के पत्तों
- लोबान
- गुग्गल
- जौ
- काले तिल
- चावल
- शहद
- लौंग
नवमी हवन विधि (Navami Havan Vidhi)
- नवमी पर हवन करने के लिए उस जगह को सबसे पहले साफ कर लें जहां हवन करने जा रहे हैं.
- इसके बाद हवन कुंड और हवन की सामग्री को रख लें.
- इन सब के बाद आसन लगाकर हवन कुंड के सामने बैठ जाएं.
- अब कपूर रखकर हवनकुंड में अग्नि प्रज्जवलित करें.
- अब हाथ में जल, फूल और चावल लेकर हवन कुंड के सामने संकल्प लें.
- अब हवन प्रारम्भ करें
- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे या दुर्गा सप्तशती मंत्र से आहुतियां दें सकते हैं
- मंत्र का उच्चारण करते हुए 108 आहुतियां दें.
- इसके बाद अंत में पूर्ण आहुति दें.
- अंत में पूर्ण इस आहुति के लिए सूखा नारियल लें और उसे ऊपर से हल्काकाटकर उसमें हवन सामग्री भर लें.
- आखिर में उसपर कलावा लपेटकर घी में डुबोएं और मंत्रोच्चार के साथ अग्नि को अर्पित कर दें.
- साथ ही‘ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा’ मंत्र का जप करें.
नवमी हवन मंत्र (Navami Havan Mantra)
- सबसे पहले ओम आग्नेय नम: स्वाहा मंत्र का जप करें.
- इसके बाद ओम गणेशाय नम: स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- इसके बाद ओम गौरियाय नम: स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- ओम दुर्गाय नम: स्वाहा स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा बोलकर आहुति दें.
- ओम हनुमते नम: स्वाहा स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- ओम भैरवाय नम: स्वाहा स्वाहा कहते हुए आहुति दें।
- ओम कुल देवताय नम: स्वाहा स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- ओम स्थान देवताय नम: स्वाहास्वाहा कहते हुए आहुति दें।
- ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
ओम विष्णुवे नम: स्वाहा स्वाहा कहते हुए आहुति दें. - ओम शिवाय नम: स्वाहा स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- स्वधा नमस्तुति स्वाहा स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति
- करा भवंतु स्वाहास्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा स्वाहा कहते हुए आहुति दें.
- अंत में ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते.

