Narak Chaturdashi Ka Mehtav: दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली या रूप चौदस भी कहा जाता है, पवित्रता और शुभता का प्रतीक दिन माना जाता है. इस दिन घर की सफाई और शुद्धिकरण का विशेष महत्व होता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि स्वच्छ और प्रकाशमय घर में ही मां लक्ष्मी का वास होता है. नरक चतुर्दशी के दिन की गई सफाई केवल बाहरी सफाई नहीं होती, बल्कि यह नकारात्मक ऊर्जा, दरिद्रता और अशुभ प्रभावों को दूर करने का माध्यम भी है. इस दिन यदि कुछ विशेष बातों का ध्यान रखकर घर की सफाई की जाए, तो न केवल वातावरण पवित्र होता है बल्कि घर में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का स्थायी प्रवाह भी बना रहता है.
1. सुबह सूर्योदय से पहले सफाई शुरू करें
नरक चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल का समय अत्यंत शुभ माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस समय सफाई करने से नकारात्मक ऊर्जा स्वतः नष्ट हो जाती है. सूर्योदय से पहले घर के हर कोने की झाड़ू-पोंछा करें और पुराने या टूटे सामान को हटा दें. इससे जीवन में नई शुरुआत का मार्ग प्रशस्त होता है.
2. पूजा स्थल की सफाई सबसे पहले करें
इस दिन सबसे पहले पूजा घर या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) की सफाई करनी चाहिए. वहां धूल या जाले नहीं होने चाहिए. गंगाजल या गौमूत्र से पवित्रिकरण करने के बाद दीपक जलाएं. इससे देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और घर में समृद्धि आती है.
3. रसोईघर और मुख्य द्वार पर विशेष ध्यान दें
रसोईघर को लक्ष्मी का स्थान माना गया है, इसलिए वहां की सफाई विशेष रूप से जरूरी है. चूल्हा, गैस स्टोव और प्लेटफॉर्म को अच्छे से धोकर पोंछें. साथ ही, मुख्य द्वार पर स्वस्तिक और शुभ-लाभ के चिन्ह बनाएं और एक दीपक जलाएं. इससे धन और सौभाग्य का प्रवेश होता है.
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4. कूड़ा और अनुपयोगी वस्तुएं न रखें
नरक चतुर्दशी के दिन पुराना सामान, फटे कपड़े, टूटे बर्तन या खराब इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं घर में नहीं रखनी चाहिए. इन्हें निकाल देने से रुकावटें और दरिद्रता दूर होती है.
5. सुगंध और रोशनी से करें वातावरण पवित्र
सफाई के बाद घर में कपूर, गुग्गुल या चंदन की धूप जलाएं. इससे घर का वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. हर कोने में दीपक जलाना शुभ माना गया है.

