Why Married Women Wearing Mangalsutra?: हिंदू धर्म में महिलाएं शादी के बाद मंगलसूत्र पहनती हैं. क्योंकि मंगलसूत्र को सुहाग की निशानी और शादीशुदा होने का प्रतीक माना जाता है.लेकिन ऐसा क्यों है हिंदू धर्म में शादीशुदा महिलाएं मंगलसूत्र क्यों पहनती है और मंगलसूत्र पहनने की परंपरा कैसे शुरु हुई है? चलिए जानते हैं यहां.
क्यों पहनती हैं शादीशुदा महिलाएं मंगलसूत्र?
हिंदू धर्म में शादीशुदा महिलाएं मंगलसूत्र इसलिए पहनती है, ताकि वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़े, पति की सुरक्षा और लंबी उम्र हो. मंगलसूत्र को हिंदू विवाह में एक पवित्र बंधन का प्रतीक माना जाता है कि यह वैवाहिक जीवन को बुरी नजर से बचाता है और दांपत्य जीवन को सुखमय और सुरक्षित भी रखता है. कहा जाता है कि मंगलसूत्र 9 मनके से बना होता है, जिनको माता रानी के 9 स्वरूपों का प्रतीक माना गया है.
कैसे शुरु हुई थी शादीशुदा महिलाओं के मंगलसूत्र पहनने की परंपरा ?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शादी के बाद महिलाओं के मंगलसूत्र पहनने से दांपत्य जीवन सदैव सुरक्षित और सुखमय रहता है. महिलाओं के मंगलसूत्र पहनने की शुरुआत छठी शताब्दी में हुई थी. खुदाई के समय मोहनजोदड़ो को मंगलसूत्र के अवशेष प्राप्त हुए हैं. बताया जाता है कि मंगलसूत्र पहनने की शुरुआत सबसे पहले दक्षिण भारत से हुई थी. इसके बाद बदलते समय के अनुसार भारत समेत अन्य देशों में भी यह परंपरा शुरु होने लगी.
मंगलसूत्र पहनने के नियम
- मंगलसूत्र को हमेशा शुभ मुहूर्त में धारण करना चाहिए.
- मंगलवार और शनिवार के दिन मंगलसूत्र नहीं खरीदना चाहिए
- मंगलसूत्र पहनने से पहले मां पार्वती को अर्पित करना चाहिए
- मंगलसूत्र को हमेशा पति से ही पहनना चाहिए
- मंगलसूत्र को सोमवार, गुरुवार या शुक्रवार के दिन ही खरीदना चाहिए
- मंगलसूत्र को बार-बार उतारने से बचना चाहिए
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