Mahalakshmi vrat 2025 date: पंचांग के अनुसार, महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से आरंभ होता है। वहीं, आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को इस व्रत का समापन होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार महालक्ष्मी व्रत किस दिन से आरंभ होने जा रहा है।
महालक्ष्मी व्रत कब है
इस वर्ष महालक्ष्मी व्रत (mahalakshmi vrat date 2025) रविवार 31 अगस्त से आरंभ होने जा रहा है। वहीं, यह व्रत रविवार 14 सितंबर को समाप्त होगा। मान्यता है कि जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से इस व्रत का पालन करता है, उसे धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है।
महालक्ष्मी पूजा विधि
महालक्ष्मी पूजा विधि में सबसे पहले स्नान आदि करके पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें और गंगाजल छिड़कें। इसके बाद एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। लक्ष्मी जी को गंगाजल या पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद एक कलश में जल, सुपारी, हल्दी, चावल, कमल के बीज और पंच पल्लव डालें। कलश के ऊपर एक नारियल रखें और उस पर चुनरी लपेटकर स्थापित करें।
सबसे पहले गणेश जी और नवग्रहों की पूजा करें और महालक्ष्मी जी का श्रृंगार करें। लक्ष्मी जी को सोलह श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। इसके साथ ही कमल, दूर्वा, चावल, रोली, धूप, दीप, फल, मिठाई और दक्षिणा आदि चढ़ाएं। अंत में लक्ष्मी जी की आरती करते हुए सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें।
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इन मंत्रों का जाप करें
- लक्ष्मी मूल मंत्र-ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः।
- कुबेर अष्टलक्ष्मी मंत्र-ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः।
- लक्ष्मी गायत्री मंत्र-ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे विष्णुप्रियै धीमहि। तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ||
- ऐं ह्रीं श्रीं अष्टलक्ष्मियै ह्रीं सिद्धये मम गृहे आगच्छागच्छ नमः स्वाहा
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