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अक्टूबर माह में पड़ने वाले प्रमुख त्योहार करवा चौथ, धनतेरस, दिवाली और छठ पूजा की सही तारीख जानें यहां.

Festivals in October: हिंदू धर्म में त्योहारों का अलग महत्व है. अक्टूबर महीने में बहुत से त्योहार पड़ रहे हैं जैसे करवा चौथ, धनतेरस, दिवाली और छठ पूजा. तो आइए जानते हैं कि इसकी सही डेट क्या है और इसका क्या महत्व है?

Published by Shivi Bajpai

भारत में अक्टूबर का महीना त्योहारों की रौनक लेकर आता है. इस समय पूरा देश उल्लास, आस्था और उत्सव के रंगों में रंग जाता है. करवा चौथ से लेकर धनतेरस, दिवाली और छठ पूजा तक लगातार आने वाले ये पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं बल्कि परिवार, प्रेम, समर्पण और समृद्धि के प्रतीक भी हैं. साल 2025 में भी ये चारों त्यौहार विशेष योग और शुभ मुहूर्त के साथ मनाए जाएंगे. आइए जानें कि इस वर्ष करवाचौथ, धनतेरस, दिवाली और छठ पूजा कब हैं और इनका क्या महत्व है.

1. करवा चौथ

2025 में करवा चौथ 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा.  इस दिन व्रत सूर्योदय के बाद शुरू होगा और चंद्रमा उदय के बाद ही व्रत खोला जाएगा. 

2. धनतेरस

धनतेरस 2025 में 18 अक्टूबर, शनिवार को है. इस दिन धन्वंतरि और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है और यह दीपावली पर्व की शुरुआत को दर्शाता है. 

3. दिवाली

दिवाली 2025 का मुख्य दिन 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जो कि कार्तिक अमावस्या की रात है. दीपावली का पर्व वहीं 18 अक्टूबर से शुरू होगा यानी धनतेरस से. 

4. छठ पूजा

छठ पूजा 2025 में 27 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी. यह पर्व सूर्य देव और छठी मैया की पूजा के लिए प्रसिद्ध है और चार दिनों तक चलता है. 

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इन त्योहारों का महत्व और विशेष बातें

करवा चौथ: यह व्रत विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु और दांपत्य सुख की कामना से रखती हैं. इस दिन दिनभर निर्जला उपवास रखा जाता है और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलना होता है.

धनतेरस: दिवाली पर्व की शुरुआत करने वाला दिन. स्वास्थ्य की देवी धन्वंतरि का अवतरण माना जाता है और लोग इस दिन धन-सम्पदा की देवी लक्ष्मी की पूजा भी करते हैं.

दिवाली: बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व. दीप जलाकर अँधेरे को दूर करना, लक्ष्मी दिवाली पूजन करना और नए कार्य शुरू करना इस त्योहार की विशेषता है.

छठ पूजा: सूर्य और छठी मैया की उपासना करने वाले इस पर्व में सुबह और शाम दोनों समय पर घाटों पर पूजा, अर्घ्य और व्रत करना शामिल है.

इन चारों त्योहारों की तिथियों को पहले से जानना इसलिए जरूरी है कि आप पूजा-सामग्री, त्यौहार की तैयारी, यात्रा आदि योजनाएं बना सकें.

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Shivi Bajpai

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