Karwa Chauth 2025: 10 अक्टूबर के दिन करवा चौथ का त्योहार मानाया जायेगा. यह त्योहार सभी दंपत्तियों के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि यह पति-पत्नी के प्रेम, विश्वास और अटूट बंधन का प्रतीक माना जाता है. करवा चौथ के दिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सुखी दांपत्य जीवन की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती और पूजा-पाठ करती हैं और इस व्रत का पारण रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद और पति के हाथों से पानी पीने के बाद ही किया जाता है. इस दौरान पत्नीअपने पति के पैर भी पैर छूती है. लेकिन कभी आपने सोचा हैं कि आखिर क्यों करवा चौथ के दिन पत्नी अपने पति के पैर छूती हैं? क्या आज भी इसे निभाना जरूरी है या नहीं. जानते हैं पीछे का गहरा रहस्य
करवा चौथ के दिन पति के पैर छूने के पीछे का रहस्य
1. सम्मान और आभार का इज़हार
हिंदू धर्म के अनुसार कोई भी छोटा व्यक्ति अपने से बड़े व्यक्ति के पैर छूता है, तो वह उसके प्रति अपना आदर और कृतज्ञता व्यक्त करता है. ऐसे ही करवा चौथ के दिन अगर पत्नी अपने पति के पैर छूती है, तो वो भी अपने जीवनसाथी सम्मान करती है और सराहना करती है.
2. आशीर्वाद लेने की भावना
इसके अलावा हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी व्यक्ति के पैर छूना उसका आशीर्वाद लेना हैं. कहा जाता हैं कि सुख, शांति और समृद्धि पाने के लिए बड़ों या जीवनसाथी का आशीर्वाद लेना बेहद शुभ होता है.
3. भावनात्मक जुड़ाव का तरीका
करवा चौथ का दिन सिर्फ उपवास रखने का नहीं होता, बल्कि यह उस रिश्ते की गहराई को महसूस करने का मौका भी होता है. जब पत्नी पति के पैर छूती है, तो वह अपने जुड़ाव और समर्पण को दर्शाती है, जिससे रिश्ते में और मजबूती आती है.
4. धार्मिक मान्यताएं और प्रतीकात्मक अर्थ
कई मान्यताओं के अनुसार, पुरुष के पैरों में शुक्र का वास होता है और स्त्री के पैरो में लक्ष्मी का वास होता हैं. ऐसे में स्त्रियों जब अपने पतियों के पैर छूती है, तो यह शुभ ऊर्जा के आदान-प्रदान होता है
क्या आज के समय करवा चौथ के दिन पति के पैर छूना ज़रूरी है?
1. बदलती सोच और नई पीढ़ी की राय
आज के दौरा में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषो के बराबर है और अपने जीवनसाथी के साथ भी बराबरी का रिश्ता चाहती हैं. ऐसे में ज्यादातर महिलाए ऐसा मानते हैं कि सिर्फ पत्नी ही क्यों पैर छुए, पति भी अपनी पत्नी का सम्मान करें. ऐसे मेंयह पूरी तरह से व्यक्ति की सोच पर निर्भर करता है. कुछ महिलाएं खुशी से यह परंपरा निभाती हैं और इसे ज़रूरी नहीं मानती. दोनों ही सोच सही हैं, क्योंकि रिश्तों में सबसे जरूरी आपसी समझ होता है.
पंडितों की राय क्या है?
पंडितों और धार्मिक जानकारों के अनुसार परंपरा तभी सही होता है, जब वह दिल से निभई जाए. जबरदस्ती या दिखावे के लिए की गई रस्में रिश्तों पर बोझ बन सकती हैं. करवा चौथ पर पत्नी द्वारा पति के पैर छूना एक सांस्कृतिक परंपरा है, जो भावनात्मक रूप से निभाई जा रही है और यह एक सम्मान और आशीर्वाद का प्रतीक है. आज के दौर में ऐसा अनिवार्य नहीं है, बल्कि एक व्यक्तिगत निर्णय है.
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