Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा दीवाली के अगले दिन दीपावली के अगले दिन मनाई जाने वाली गोवर्धन पूजा या अन्नकूट पर्व का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. यह दिन भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत की पूजा करने और इंद्रदेव के अहंकार को शांत करने की स्मृति में मनाया जाता है. इस वर्ष गोवर्धन पूजा 2025 में 22 अक्टूबर, बुधवार के दिन मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से जीवन में अन्न, धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 2025
पंचांग के अनुसार, गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को की जाती है. इस बार तिथि 22 अक्टूबर 2025 को प्रातः 06:30 बजे से प्रारंभ होकर 23 अक्टूबर सुबह 04:18 बजे तक रहेगी.
पूजा का शुभ मुहूर्त:
सुबह का शुभ समय: 08:00 बजे से 10:30 बजे तक
प्रदोष काल पूजन: संध्या 05:45 बजे से 07:15 बजे तक
इन समयों में भगवान श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की आराधना करने से अधिकतम शुभ फल की प्राप्ति होती है.
गोवर्धन पूजा विधि
सबसे पहले घर या आंगन को साफ-सुथरा कर गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक स्वरूप बनाएं.
उसे फूलों, पत्तों, अक्षत (चावल), धूप और दीप से सजाएं.
भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और गोवर्धन पर्वत का ध्यान करें.
अब अन्नकूट यानी विविध प्रकार के अन्न, मिठाइयां और पकवान बनाकर भगवान को भोग लगाएं.
इसके बाद पूजा के दौरान नीचे दिया गया गोवर्धन मंत्र बोलें —
“गिरिराज धरण की जय, गोवर्धन महाराज की जय.”
या
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः.”
पूजा के पश्चात परिक्रमा करें और अन्नकूट प्रसाद का वितरण करें.
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गोवर्धन पूजा का महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार, इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए जब ब्रजवासी पूजा की तैयारी कर रहे थे, तब भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की सलाह दी. इससे इंद्र क्रोधित हो गए और उन्होंने भारी वर्षा शुरू कर दी. तब श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की. यह पर्व प्रकृति संरक्षण, सामूहिक एकता और आभार का प्रतीक है. माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता, समृद्धि और ईश्वरीय कृपा बनी रहती है.
गोवर्धन पूजा का दिन हर भक्त के लिए शुभ और मंगलकारी होता है. इस दिन सच्चे मन से पूजा, भोग और परिक्रमा करने से न केवल जीवन में अन्न और धन की वृद्धि होती है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार भी होता है.

