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Ganesh Chaturthi 2025: लालबागचा राजा ने फिर जीता दिल, पहली झलक में बैंगनी धोती और चक्र लिए आए गणपति!

लालबागचा राजा मंडल की शुरुआत 1934 में मुंबई के लालबाग इलाके में हुई थी। इसे कोली मछुआरों और स्थानीय व्यापारियों ने मिलकर शुरू किया था

Published by Anuradha Kashyap

Lalbaugcha Raja 2025: मुंबई में गणेशोत्सव काफी धूम-धाम से मनाया जाने वाला त्यौहार  है। संडे को  ‘लालबागचा राजा’ महाराज की पहली  झलक भक्तों के सामने आई, जिसने भक्तों के दिलों में खुशी और जोश को भर दिया। जैसे ही दर्शन का प्रोग्राम शुरू हुआ, पूरे पंडाल में भक्ति की गूंज फैल गई और “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे हर तरफ सुनाई दिए। यह प्रतिमा सिर्फ भगवान गणेश की मूर्ति नहीं, बल्कि मुंबई की आस्था और परंपरा का अहम हिस्सा हैं। 

लालबागचा राजा का सुन्दर और खूबसूरत रूप देख सभी हो गए मोहित  

इस बार लालबागचा राजा का रूप बहुत ही सुंदर और खास नजर रहा है। बाप्पा की मूर्ति हाथों में चक्र, सिर पर मुकुट और बैंगनी रंग की धोती पहने सबका दिल जीत रही हैं। इस मनमोहक रूप को देखकर भक्तों की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए और चेहरों पर मुस्कान नजर आई। इस रूप ने पूरे पंडाल को एक अलग ही उत्साह और खुशी से भर दिया, जो देखने वालों को भक्ति में डूबा देता है।

लालबागचा राजा की मूर्ति मुंबई के लोगो की आस्था का प्रतीक हैं  

लालबागचा राजा केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि मुंबई के लोगो की आस्था, विश्वास और ट्रेडिशन का प्रतीक है। यह मंडल 11 दिनों तक भक्तों को दर्शन देता है और फिर अनंत चतुर्दशी को भव्य विसर्जन के साथ खत्म होता है। मुंबई के साथ-साथ महाराष्ट्र के और भी कई हिस्सों से लोग इसे देखने आते हैं। यह मंडल उन सभी लोगों के लिए खास जगह है, जहां वे अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की उम्मीद लेकर आते हैं।

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लालबागचा राजा मंडल का क्या हैं  इतिहास और अहमियत ?

लालबागचा राजा मंडल की शुरुआत 1934 में मुंबई के लालबाग इलाके में हुई थी। इसे कोली मछुआरों और स्थानीय व्यापारियों ने मिलकर शुरू किया था, जो उस समय की मुश्किलों को कम करने का एकमात्र सहारा थी। यह मंडल ना सिर्फ धार्मिक बल्कि सोशल और कल्चरल रूप से भी मुंबई का अहम हिस्सा बन गया है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और इसे “नवसाचा गणपति” कहा जाता है, ऐसा माना जाता हैं की ये सभी  की मनोकामनाएं पूरी करता है। लालबागचा राजा मुंबई की पहचान और विरासत का हिस्सा है।

Anuradha Kashyap
Published by Anuradha Kashyap

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