Karumbeswarar Temple: देश में कई ऐसे मंदिर हैं जहां भक्तों का तांता लग रहा है. इसी में है तमिलनाडु के तिरुवरूर जिले में स्थित वेन्नी करुम्बेश्वर मंदिर. ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. बताया जाता है कि ये मंदिर 1300 साल पुराना है और इसको लेकर कई रहस्य जुड़े हैं. यहां भगवान ‘करुम्बेश्वर’ यानी गन्ने के देवता के रूप में पूजा की जाती है.
भक्तों को दृढ़ विश्वास है कि यहां दर्शन करने से डायबिटीज यानी की शुगर ठीक हो जाती है. ये बीमारी आधुनिक दुनिया में आम हो गई है जिसको देखो उसको ही शुगर है. भक्तों का मानना है कि यहां किए गए साधारण लेकिन अनोखे अनुष्ठान से उनका बढ़ा हुआ शुगर लेवल कम हुआ है. तो आइए जानते हैं इसके पीछे का रहस्य.
मंदिर का महत्व क्या है?
करुम्बेश्वर मंदिर 1300 साल पुराना है. यहां भगवान शिव की पूजा परमेश्वर के रूप में की जाती है. इसका अर्थ है ‘गन्ने का देवता‘. ऐसा कहा जाता है कि शुगर की बीमारी होने पर इस मंदिर में दर्शन करने से व्यक्ति को राहत मिलती है. यह स्थान नयनार के 275 शिव स्थलों में से एक है. यही कारण है कि इसका आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है. इस मंदिर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. दरअसल, नयनार 6वीं से 8वीं शताब्दी के बीच रहने वाले 63 तमिल हिंदू संत थे, जो भगवान शिव के प्रति समर्पित थे.
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अद्भुत अनुष्ठान से मिलती है शुगर में राहत
इस मंदिर की सबसे प्रसिद्ध रस्मों में से एक है चींटियों को प्रसाद बांटना. यहां भक्त चींटियों को चीनी और रवा चढ़ाते हैं. ऐसा मान्यता है कि जैसे ही चींटियां यह मीठा प्रसाद खाती हैं, वैसे ही भक्त का बढ़ा हुआ शुगर लेवल कम होने लग जाता है. भक्तों के लिए यह एक शक्तिशाली संकेत है कि उनके प्रसाद का उपयोग हो रहा है. ऐसा भी माना जाता है कि इससे उनकी बीमारी की गंभीरता कम होती है. अनगिनत भक्तों ने बताया है कि मंदिर में बार-बार आने के बाद उनके रक्त शर्करा का स्तर कम हो गया है.

