Categories: धर्म

नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली – यह फर्क जानकर आपका त्योहार देखने का बदल जाएगा नजरिया !

19 अक्टूबर को छोटी दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है, लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल घूमता है कि छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी में असली अंतर क्या है? सिर्फ एक दिन का फर्क नहीं, बल्कि इसके पीछे छुपा है बुराई पर अच्छाई और घर में खुशियों का राज़

Published by Anuradha Kashyap

Choti Diwali vs Narak Chaturdashi: दिवाली का त्योहार भारत में सिर्फ रोशनी का प्रतीक नहीं, बल्कि खुशियों और समृद्धि का संदेश भी है. दिवाली से एक या दो दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी अक्सर लोगों को कंफ्यूज कर देती हैं. कई लोग सोचते हैं कि ये एक ही दिन का उत्सव हैं, लेकिन इन दोनों का महत्व, पूजा-पद्धति और रीति-रिवाज अलग है. छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी के अंतर को समझना जरूरी है, ताकि हम सही तरीके से इन दिनों की तैयारी कर सकें और त्योहार का आनंद पूरी तरह उठा सकें.

छोटी दिवाली को ही कहा जाता है नरक चतुर्दशी  

छोटी दिवाली, को ही नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है, दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है. इस दिन घर की सफाई और सजावट शुरू होती है. लोग दीप जलाते हैं और मिठाइयाँ बनाना शुरू कर देते हैं, इसे धन और समृद्धि की शुरुआत के रूप में माना जाता है धार्मिक मान्यता है कि इस दिन नरकासुर का वध हुआ था इसलिए बुराई और अंधकार का अंत प्रतीकात्मक रूप से मनाया जाता है छोटी दिवाली का उत्साह पूरे घर और परिवार को त्योहार की तैयारी में जोड़ता है.

नरक चतुर्दशी – बुराई पर अच्छाई की जीत

नरक चतुर्दशी का मुख्य उद्देश्य बुराई पर अच्छाई की विजय को याद करना है इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं. हल्दी, चंदन और पूजा सामग्री का उपयोग करना घर और शरीर के लिए शुद्ध माना जाता है, मिठाइयाँ और छोटे-छोटे व्यंजन बनाना शुभ माना जाता है. नरक चतुर्दशी आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक भी है, लोग इस दिन बुरी आदतों और नेगेटिविटी से छुटकारा पाने की कामना करते हैं.

Related Post

तैयारी और रीति-रिवाज

छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी में तैयारी और रीति-रिवाज अलग-अलग हैं। छोटी दिवाली में घर की सफाई, रंगोली और दीयों की सजावट पर जोर होता है. लोग नई वस्तुएँ खरीदते हैं और मिठाइयाँ बनाते हैं. नरक चतुर्दशी पर विशेष स्नान, हल्दी और पूजा प्रमुख होते हैं, महिलाएँ पूजा करती हैं और बच्चे दीयों से घर सजाते हैं. घर को स्वच्छ और रोशनी से भरा रखना शुभ माना जाता है.

मुख्य अंतर

छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी में मुख्य अंतर दिन और उद्देश्य का है, छोटी दिवाली घर में सुख-समृद्धि की शुरुआत का प्रतीक है, जबकि नरक चतुर्दशी बुराई पर अच्छाई की विजय और आध्यात्मिक शुद्धि का प्रतीक है.

Anuradha Kashyap

Recent Posts

कौन थी रतन टाटा की सौतेली माँ सिमोन टाटा? 95 साल की उम्र में निधन, Lakmé को बनाया था भारत का नंबर-1 ब्रांड

लैक्मे (Lakmé) को भारत का नंबर 1 ब्रांड बनाने वाली सिमोन टाटा का 95 वर्ष…

December 5, 2025

Cloudflare फिर हुआ down..! एक साथ कई वेबसाइट हुई बंद, लोगों ने की शिकायत..

Cloudflare down: देश भर में एक बार फिर क्लाउडफ्लेयर डाउन हो गया है और लोगों…

December 5, 2025

बेटी के सम्मान की लड़ाई, पिता ने किया कुछ ऐसा कि रेलवे भी हुआ झुकने पर मजबूर

Railway Concession Certificates: रेलवे ने दिव्यांग व्यक्तियों के रियायती प्रमाणपत्रों में “मानसिक रूप से विकृत”…

December 5, 2025