Chhathi Maiya Aarti And Surya Mantra: छठ के त्योहार की शुरुआत हो चुकी हैं 4 दिन तक चलने वाले छठ के त्योहार की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है, इसमें महिलाएं 36 घंटों का निर्जला व्रत रखती है. छठ पूजा का व्रत संतान की लंबी आयु, परिवार की खुशहाली के लिए किया जाता है.
छठ पूजा की आरंभ और समापन तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, छठ पूजा के त्योहार की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से हो जाती है और इसका समापन सप्तमी तिथि पर होता है. ऐसे में साल 2025 में छठ पूजा के त्योहार की शुरुआत 25 अक्टूबर से होगी और इसका समापन 28 अक्टूबर को होगा.
छठ पूजा में छठी मैय्या के साथ होती है सूर्य देव की पूजा
छठ पूजा में छठी मैय्या के साथ-साथ सूर्य देव की पूजा-उपासना की जाती है और इस दौरान छठी मैय्या की आरती की जाती है और सूर्य को अर्घ्य देते हुए मंत्र पढ़े जाते हैं.
छठी मैय्या की आरती (Chhathi Maiya Ki Aarti)-
जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।। जय ।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदिति होई ना सहाय।
ऊ जे नारियर जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए ।। जय ।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय ।। जय ।।
अमरुदवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडरराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।। जय ।।
ऊ जे सुहनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
शरीफवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए ।। जय ।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।। जय ।।
ऊ जे सेववा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।। जय ।।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।
सभे फलवा जे फरेला खबद से, ओह पर सुगा मंडराए।। जय ।।
मारबो रे सुगवा धनुख से, सुगा गिरे मुरझाए।
ऊ जे सुगनी जे रोएली वियोग से, आदित होई ना सहाय।। जय ।।
सूर्य को अर्घ्य देते हुए पढ़ें ये मंत्र (Chhath Puja Surya Arghya mantra)-
- ॐ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकरः ।।
- ॐ सूर्याय नमः, ऊँ आदित्याय नमः, ऊँ नमो भास्कराय नमः। अर्घ्य समर्पयामि।।
- आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीदमम् भास्कर। दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते ।।
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