Aja Ekadashi 2025: हर एकादशी की तरह अजा एकादशी बेहद खास मानी जाती हैं, और एकादशी के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान हैं, कहा जाता हैं कि जो कोई भी अजा एकादशी (Ekadashi) का व्रत करता है उसके पापों के नाश होता है, आत्मशुद्धि होती है और मोक्ष प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं, इसके अलावा माता लक्ष्मी की कृपा उस व्यक्ती पर होता हैं, जिसकी वजह से घर में धन की कमी नहीं होती और सभी कर्ज से मुक्ति मिलती है।
कब है अजा एकादशी? (Aja Ekadashi 2025 Date)
अजा एकादशी का व्रत कब किया जायेगा? हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी का व्रत किया जाता है और हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2025 में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का 18 अगस्त को शाम 5:22 बजे से शुरु हो रही है, जो 19 अगस्त को दोपहर 3:32 बजे तक रहेगी। परंपरा के अनुसार उदया तिथि के दौरान ही पर्व मनाया जाता है, इसलिए अजा एकादशी (Ekadashi 2025) का व्रत 19 अगस्त 2025 को रखा जाएगा और व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि अर्थात 20 अगस्त 2025 पर किया जायेगा।
अजा एकादशी व्रत के दिन गलती से भी न करें ये काम, नहीं तो होगा बेहद नुकसान (Never Make These Five Dangerous Mistakes Aja Ekadashi 2025)
चावल का सेवन: अजा एकादशी के दिन चावल का सेवन करना बेहद अशुभ माना जाता हैं, क्योंकि पौराणिक कथाओं के मुताबिक एकादशी के दिन ही महर्षि मेधा, माता दुर्गा के क्रोध से बचने के लिए चावल में अपने शरीर का त्याग कर दिया था, जिसकी वजह से उनके अंश चावल और जौ के रूप में उत्पन्न हुए थे। इसलिए, एकादशी के दिन चावल खाने को महर्षि मेधा के मांस और रक्त का सेवन करने के समान माना जाता है।
तामसिक भोजन: अजा एकादशी व्रत के दिन तामसिक भोजन करना बेहद अशुभ होता है। तामसिक भोजन में मांस, मछली, अंडे, प्याज, लहसुन, और शराब जैसी चीजें शामिल हैं। एकादशी (Ekadashi 2025) के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए, जैसे कि फल, दूध, मेवा, और मिष्ठान।
वाद-विवाद : अजा एकादशी के दिन किसी भी तरह के वाद-विवाद या झगड़े से दूर रहना चाहिए, क्योंकि एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है, इसलिए इस दिन पवित्रता और शांति बनाए रखना महत्वपूर्ण होता है। वाद-विवाद और झगड़े से घर में नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो आध्यात्मिक चिंतन में बाधा भी डालती है।
क्रोध और झूठ: अजा एकादशी व्रत के दिन क्रोध, झूठ, और चोरी आदि करने से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से भगवान विष्णु अप्रसन्न होते है और एकादशी व्रत (Ekadashi 2025) के फल भी नहीं मिलता। क्रोध और झूठ जैसी नकारात्मक भावनाएं भक्ति में बाधा डालने का काम करती है।
तुलसी दल तोड़ना: अजा एकादशी व्रत के दिन तुलसी के पत्ते को तोड़ने और नुकसान करने से बचना चाहिए, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी माता भी भगवान विष्णु के लिए व्रत रखती हैं, इसलिए इस दिन तुलसी के पत्ते को तोड़ना और नुकसान पहुचाने से देवी लक्ष्मी का अपमान होता है।
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