Ahoi Asthami: हर साल अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. ये व्रत माताएं संतान की लंबी आयु के लिए रखती हैं. व्रत के दौरान महिलाएं दिनभर उपवास करती हैं और अहोई माता की पूजा की जाती है. अहोई अष्टमी के दन व्रत का पारण शाम के समय किया जाता है. पारण करने से पहले माताएं तारों को अर्घ्य देती हैं और अपने घर की संतानों की सुरक्षा और खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं.
अहोई अष्टमी 2025 तिथि
इस साल अहोई अष्टमी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ रही है. इस तिथि की शुरुआत 13 अक्टूबर 2025 को देर रात 12 बजकर 24 मिनट पर होगी और इसका समापन 14 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 9 मिनट तक रहेगा. तो इस साल ये व्रत 13 अक्टूबर को रखा जाएगा.
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अहोई माता कौन हैं?
अहोई माता को मां पार्वती का रूप माना जाता है. इन्हें खासतौर पर संतानों की रक्षा और उनको लंबी उम्र देने वाली देवी के रूप में जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनकी पूजा करने से महिलाओं की कुंडली में ऐसे योग बनते हैं, जो बांझपन, गर्भपात, संतान की असमय मृत्यु से जुड़ी समस्याओं को दूर करते हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अहोई माता का रूप साही (नेवला) के रूप में दर्शाया गया है. कहा जाता है कि प्राचीन समय में एक महिला, जो अपने पुत्रों की मां थी, जंगल में मिट्टी खोदते समय गलती से साही के बच्चों को मार देती है. इसके बाद वह महिला देवी से क्षमा मांगती है. उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर देवी मां उसे आशीर्वाद देती हैं और उसकी संतान को सुरक्षित रखती हैं. इसलिए इस दिन अहोई माता की पूजा की जाती है.

