krishna janmashtami 2025: आज 10 अगस्त से भाद्रपद माह की शुरूआत हो चुकी है। इस महीने में कृष्ण जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण का जन्म द्वापर युग में भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इसी कारण हर साल इसी नक्षत्र में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। हर साल इस दिन लोग व्रत रखते हैं और कान्हा जी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करते हैं।
क्यों मनाते है कृष्ण जन्मोत्सव?
जानकारी के मुताबिक, इस साल भगवान श्री कृष्ण का 5252वां जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार 15 अगस्त की रात 11.49 बजे से कृष्णी पक्ष अष्टमी तिथि शुरू हो जाएगी और 16 अगस्त की रात 09.24 बजे तक रहेगी। वहीं अगर रोहिणी नक्षत्र के आरंभ की बात करें तो यह 17 अगस्त की सुबह 04.38 बजे से शुरू होगा। इस साल लोगों के मन में इस त्यौहार की तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि 15 अगस्त या फिर 16 अगस्त किस दिन जन्माष्टी का त्यौहार मनाएं।
किस दिन मनाएं कृष्ण जन्मोत्सव?
विद्वानों के अऩुसार, इस बार अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का आपस में मिलन नहीं हो रहा है। लेकिन दयातिथि को मान्यता देकर 16 अगस्त 2025 को पूरे देश में जन्माष्टमी मनाई जाएगी। 16 अगस्त यानी जन्माष्टमी के दिन व्रत रखें भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव आधी रात को मनाएं।
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पूजा का समय- 16 – 17 अगस्त की रात 12.04 बजे से 12.47 बजे तक।
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व्रत का समय- 17 अगस्त के दिन
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